Research Problem: How it is Picked for Investigation

Present article titled as ‘Research Problem: How it is Picked for Investigation’ covers topics as: 

  • Meaning of the term ‘Research Problem’

  • Formation of Research problem

  • Limitation and delimitation

  • Location and Criteria of Selection of Problem.

 

Research Problem

अनुसंधान समस्या: जांच की मूल अवधारणा

Research Problem: Core Concept of Inquiry

प्रत्येक वैज्ञानिक जांच और विद्वानों की खोज के केंद्र में एक अनुसंधान समस्या (Research Problem) होती है। अनुसंधान की पूरी इमारत अनुसंधान समस्या (Research Problem) पर ही आधारित होती है, जो कि अध्ययन की दिशा को निर्देशित करती है और इसके परिणामों को आकार देती है।  यदि कभी किसी को कोई जिज्ञासा अथवा अनुसंधान समस्या (Research Problem) ही ना हो तो कभी भी कोई नया अनुसंधान (Research) होगा ही नहीं।

अनुसंधान समस्या के हर पक्ष, ‘इसके निर्माण से लेकर इसके चयन मानदंडों तक‘ की बारीकियों को समझना प्रत्येक नए शोधकर्ता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

किसी अनुसंधान को संपन्न करने की जटिलताओं को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओ को समझना बहुत ही आवश्यक है 👇

  • अनुसंधान समस्या का अर्थ (Meaning of Research Problem)

  • अनुसंधान समस्या का निर्माण (Formation of Research Problem)

  • अनुसंधान की सीमा व परिसीमा (Limitation and Delimitation of Research)

  • समस्या का चयन और चयन मानदंड (Location and Criteria of Selection of Problem)

 अनुसंधान समस्या शब्द का अर्थ (Meaning of the Term ‘Research Problem’)

एक अनुसंधान समस्या मूल रूप से एक प्रश्न, समस्या या मुद्दा होता है जिसे एक शोधकर्ता व्यवस्थित जांच के माध्यम से उसका समाधान करने अथवा उसे हल करने का प्रयास करता है। 

अनुसंधान समस्या क्या हो सकती है – What can be a Research Problem?

  • अनुसंधान समस्या आम जीवन अथवा किसी क्षेत्र विशेष की समस्या अथवा चिंता का विषय हो सकता है जिसे सुधारने अथवा हल करने की आवश्यकता होती है।

  • यह कोई कठिनाई अथवा दुविधा हो सकती है जिसे खत्म किया जाना बहुत आवश्यक होता है।

  • यह साहित्य सिद्धांत या व्यवहार में मौजूद एक ऐसा प्रश्न हो सकता है जो विद्वानों को बहुत परेशान कर रहा हो या उन्हें चुनौती दे रहा हो

  • ऐसा कोई भी मुद्दा अनुसंधान समस्या बन सकता है जिसकी तरफ सभी का आकर्षित हो तथा उसे किसी सामान्य तरीके से ना सुलझाया जा सके 

  • सारांश में यह कहा जा सकता है कि अनुसंधान समस्या किसी क्षेत्र के जानकारियों में मौजूद अंतर (gap in knowledge) की पहचान करती है जिसे गहन अनुसंधान (Research) के माध्यम से उस ज्ञान के अंतर को पाटने का प्रयास किया जाता है।

Discussion

अनुसंधान समस्या का निर्माण (Formation of Research Problem)

अनुसंधान प्रक्रिया में पहला कदम अनुसंधान समस्या का निर्माण होता है, जिसके लिए अध्ययन के क्षेत्र की स्पष्ट समझ आवश्यक होती है। अनुसंधान समस्या के निर्माण की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:

  1. अवलोकन और प्रारंभिक जानकारी एकत्रित करना – Observation and Preliminary Information Gathering: 

जो घटनाएं शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करती हैं वे उन घटनाओं का अवलोकन करके प्रारंभिक जानकारी एकत्र करके शुरुआत कर देते हैं ताकि समझा जा सके कि क्या ये अवलोकन किसी प्रासंगिक महत्वपूर्ण अनुसंधान का आधार बन सकते हैं।

  1. व्यापक साहित्य समीक्षा – Extensive Literature Review:

Extensive research of literature

विचारित विषय से संबंधित साहित्य की गहन समीक्षा करके ज्ञान में अंतरालों की पहचान की जाती है और सैद्धांतिक ढांचों को समझा जाता है जिससे अनुसंधान के लिए विचारित प्रश्न को परिष्कृत करने में मदद मिलती है।

  1. ज्ञान के अंतरालों की पहचान करना – Identifying Gaps in Knowledge: 

अनुसंधान समस्या का निर्माण करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि विषय के उपलब्ध ज्ञान और उसमें प्रतीत होने वाली कमियों के बीच अंतराल की पहचान करने का प्रयास किया जाता है जिससे अनुसंधान के लिए नए विचार (ideas) मिलते हैं।

  1. समस्या का निरूपण – Formulating the Problem: 

शोधकर्ता स्पष्ट और सटीक रूप से अनुसंधान समस्या को निरूपित करता है, सुनिश्चित करता है कि यह व्यवहार्य, महत्वपूर्ण, और प्रासंगिक है कि नहीं

  1. शोध के लिए विचाराधीन विषय की व्यवहार्यता की जांच करना – Examine the feasibility of the topic under consideration for research: 

एक बार समस्या के निरूपित हो जाने पर यह विचार करना भी आवश्यक हो जाता है कि शोध के लिए विचाराधीन विषय आर्थिक, सामाजिक एवं नैतिक रूप से कितना व्यवहार्य है।

किसी भी समस्या पर शोध कार्य प्रारंभ करने से पूर्व शोधार्थी को निम्नलिखित प्रश्नों पर अवश्य विचार करना चाहिए 👇

  • शोध के लिए विचाराधीन विषय पर आसानी से आंकड़े एवं जानकारियां उपलब्ध हो पाएंगे कि नहीं, 

  • विचाराधीन शोध विषय से संबंधित साहित्य की पर्याप्त उपलब्धता है कि नहीं

  • शोध पर होने वाला व्यय शोधार्थी की हद में है कि नहीं, 

  • शोध के दौरान प्रयुक्त होने वाले उपकरणों की उपलब्धता है कि नहीं

  •  शोध के लिए विचाराधीन विषय ऐसा तो नहीं है जो लोगों की सामाजिक अथवा धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता हो 

शोध की सीमा और परिसीमा – Limitation and Delimitation of Research

 

सीमा (Limitation): 

शोध की सीमा से तात्पर्य उन संभावित कमजोरियों या चुनौतिपूर्ण तत्वों से है जो कि शोध के परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं और वे शोधार्थी के नियंत्रण से परे होती हैं अर्थात उन तत्वों पर शोधार्थी का कोई नियंत्रण नहीं होता है। इनमें पद्धति, बजटीय सीमाएँ, या नैतिक विचार शामिल हो सकते हैं। 

इनमें परीक्षण पद्धति, अनुसंधान में प्रयुक्त उपकरणों की गुणवत्ता, बजटीय सीमाएँ या नैतिक विचार शामिल हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए जैसे यदि कोई शोधार्थी अपने विषयगत लोगों से उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में कुछ प्रश्न पूछता है तो उत्तर देने वाले लोग उसे कितना सत्य अथवा ईमानदारी से उत्तर दे रहे हैं इस पर शोधार्थी का कोई नियंत्रण नहीं होता है और शोधार्थी को उनकी बात को सत्य मानते हुए अपने निष्कर्षों की तरफ बढ़ना पड़ता है। 

 

परिसीमा (Delimitation)

परिसीमाएं शोधकर्ता द्वारा निर्धारित सीमाएँ होती हैं जो अध्ययन के दायरे को परिभाषित करती हैं। इसमें शोधकर्ता यह निर्धारित तथा घोषित करते हैं कि अनुसंधान में किन किन बातों कवर किया जाएगा या नही किया जाएगा जैसे कि भौगोलिक स्थान, प्रतिभागियों की आयु समूह, या अध्ययन की समय सीमा। परिसीमाएँ अनुसंधान को अधिक केंद्रित और प्रबंधनीय (focused and manageable) बनाने में मदद करती हैं।

समस्या का चयन और चयन मानदंड (Location and Criteria of Selection of Problem)

अनुसंधान समस्या का चयन एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है जो कि अध्ययन की सफलता और प्रासंगिकता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। समस्या का चयन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं: 👇

1- व्यक्तिगत रुचि और विशेषज्ञता (Personal Interest and Expertise): 

शोध के लिए समस्या का चुनाव करते समय सर्वप्रथम इस बात का ध्यान रखा जाता है कि शोधकर्ता उस विषय में कितनी रुचि लेता है तथा उसका उस क्षेत्र में कितना ज्ञान, अनुभव या विशेषज्ञता है। यह इस बात को निर्धारित करती है की शोध की गुणवत्ता (Quality) कैसी रहेगी। 

2- सामाजिक प्रासंगिकता (Social Relevance):

शोध के लिए विषय का चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि जिस विषय पर शोध किया जाएगा वह विषय समाज के लिए कितना जरूरी, लाभकारी तथा प्रासंगिक है। जो मुद्दे समाज के लिए प्रासंगिक होते हैं उन पर शोध करने वाली संस्थाओं द्वारा अधिक ध्यान दिया जाता है तथा उन्हें आसानी से फंडिंग की प्राप्ति भी हो जाती है

3- व्यवहार्यता (Feasibility):

किसी विषय पर शोध प्रारंभ करने से पूर्व शोधकर्ता को संसाधन, धन और समय की उपलब्धता, विषय से संबंधित साहित्य की उपलब्धता और प्रौद्योगिकीय मदद (technological support) की उपलब्धता के आधार पर शोध की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना चाहिए।

4- वैज्ञानिक महत्व (Scientific Importance): 

यह भी शोध के विषय चयन करने का महत्वपूर्ण कारक होता है जिसमें यह देखा जाता है कि शोधगत विषय का अध्ययन मौजूदा ज्ञान को आगे बढ़ाने तथा नई अंतर्दृष्टि प्रदान करने में कितना सहायक होगा।

5- ज्ञान में उपस्थित अंतराल को भरना (Filling the Gap in the Knowledge): 

किसी समस्या के चयन के लिए यह भी प्राथमिक मानदंड होना चाहिए कि किए जाने वाले शोध से प्राप्त होने वाले निष्कर्ष मौजूदा ज्ञान एवं जानकारियों में उपस्थित अंतराल को भर पाएंगे कि नहीं।

6- नवाचार और मौलिकता (Innovation and Originality):

अनुसंधान समस्या के चुनाव में यह भी महत्वपूर्ण मानदंड होता है जो कि शोधगत विषय का अध्ययन कोई नया तथा मौलिक परिप्रेक्ष्य या अभिनव दृष्टिकोण प्रस्तुत करे जिससे शोध द्वारा प्राप्त निष्कर्ष अधिक प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण (Relevant & Significant) हों।

निष्कर्ष (Conclusion):

एक सफल अनुसंधान परियोजना के लिए एक सटीक और प्रासंगिक अनुसंधान समस्या (Research Problem) का निर्माण महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में विस्तृत विश्लेषण, समीक्षा और गहन चिंतन की आवश्यकता होती है ताकि शोध न केवल व्यवहार्य (feasible) और प्रासंगिक (relevant) हो, बल्कि वैज्ञानिक सोच (Scientific Temperament) को बढ़ाने वाला और समाज के लिए मूल्यवान योगदान भी प्रदान करे।

 

अनुसंधान समस्याओं से संबंधित बहुविकल्पीए प्रश्न (MCQ) उत्तर पढ़ने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें 👇

MCQ on Research Problem Limitations, Delimitations & Criteria

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2 thoughts on “Research Problem: How it is Picked for Investigation”

  1. प्रोफेसर नवीश दलाल

    शारीरिक शिक्षा में शारीरिक शिक्षा से संबंधित लिखित साहित्य की भारी कमी है खास तौर पर हिंदी भाषा में शारीरिक शिक्षा के साहित्य की आपके द्वारा विभिन्न विषयों पर लिखित सामग्री का अध्ययन करने पर इस निष्कर्ष पर पहुंचने पर बातें होना पड़ेगा कि वास्तव में किया गया कार्य सकारात्मक सृजनात्मक एवं बहुमूल्यवान होने के साथ-साथ इसकी उपलब्धता अर्थात इसकी पहुंच प्रत्येक प्रत्येक छात्र तक पहुंचने की मंशा आपको शारीरिक शिक्षा का आधुनिक सम्राट से पुकारेगी।
    प्रोफेसर नवीश दलाल

    1. सर यह आपका स्नेह है
      मैं वही सामान्य content लिख रहा हूं, जिसे आप शायद मुझसे बेहतर तरीके से जानते हैं, मैंने बस उसे शब्दों में अंकित कर दिया है।
      इच्छा यही कि यह विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हो।
      आगे भी इसी तरह के प्रोत्साहन प्रत्याशा है🙏
      आपको पुनः धन्यवाद 🙏

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