History of Ancient Olympic Games

The Olympic Games are one of civilization’s greatest legacies, symbolizing peace, unity, and excellence. The Ancient Olympics began way back in 776 BC at Olympia, Greece, in honor of Greek God Zeus , and were held every four years, called an Olympiad.

 

History of Ancient Olympic Games
History of Ancient Olympic Games
This article reveals the fascinating story of origin and decline of Ancient Olympic Games as they remain the glorious inspiration for the Modern Olympics, uniting nations worldwide. Olympics are world’s biggest sporting event which brings whole world together through sports.

 प्राचीन ओलंपिक खेल (Ancient Olympic Games)

 

An illustration of Olympia, the site of the ancient Olympics in Greece (प्राचीन यूनानी ओलंपिक स्थल ओलंपिया का एक चित्रण)

Ruins of Olympia, the ancient Greek Olympic site (प्राचीन यूनानी ओलंपिक स्थल ओलंपिया के अवशेष)

प्राचीन ओलंपिक खेल मूल रूप से यूनान का एक धार्मिक आयोजन था जिसमें अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं भी होती थी जो कि कालान्तर में ओलंपिक खेलों के नाम से लोकप्रिय हुए।

 

प्राचीन ओलंपिक से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य निम्नवत हैं👇

 

प्राचीन ओलंपिक की शुरुआत 776 बीसी में हुई मानी जाती है, जबकि इसका आखिरी आयोजन 394 ईस्वी में हुआ।

 

प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान की एथेंस में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनान के देवता जीउस (Zeus) के सम्मान में आयोजित किए जाते थे।

 

Zeus, the Greek God
खेलों का आयोजन ओलंपिया नामक स्थान पर होने के कारण यह खेल ओलंपिक खेलों के नाम से प्रसिद्ध हुए।

 

हर चार साल के अंतराल पर होने वाले खेलों को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था।

 

ओलंपिक खेलों से 4 माह पूर्व यूनान के विभिन्न प्रांतों से खिलाड़ी एथेंस के निकट एलिस (Elis) शहर में एकत्र होते थे जहां पर उनकी पात्रता का निरीक्षण और परीक्षण किया जाता था और केवल योग्य खिलाड़ियों का ही चयन प्रतियोगिता के लिए होता था

 

प्राचीन यूनान के राज्य अपने अपने राज्य विस्तार के लिए तथा आपसी शत्रुता के कारण एक दूसरे से लड़ते रहते थे। परन्तु ओलम्पिक खेल उन सभी के देवता जीउस के सम्मान में होते थे इसलिए उसमें सभी राज्य भाग लेते थे। उनके आपसी युद्धों व अशान्ति के कारण ओलम्पिक खेलों के आयोजन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो, इसलिए ओलंपिक खेलों की अवधि के दौरान संपूर्ण यूनान में युद्ध विराम लागू रहता था, जिसके लिए सभी राज्य युद्ध विराम संधि पर हस्ताक्षर करते थे जिससे खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, कलाकारों और दर्शकों को आवागमन में कोई बाधा ना हो और ओलंपिक खेल शांति पूर्वक सम्पन्न हो जाएं

ओलंपिक खेलों में भाग लेने के नियम

# ओलंपिक खेलों में केवल यूनान के मूल निवासी ही भाग ले सकते थे, खेलों में महिलाओं, दास, अपराधी और विदेशी लोगों का भाग लेना प्रतिबंधित था ।

 

# प्राचीन ओलंपिक की खेल प्रतियोगिताओं में केवल पुरुषों को ही भाग लेने का विशेषाधिकार था।
# भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी निर्वस्त्र होकर भाग लेते थे। ऐसा प्रावधान इसलिए किया गया था कि जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी महिला प्रतियोगिता में शामिल न हो सके।

 

# विवाहित महिलाओं का ओलंपिक में किसी भी रुप में भाग लेना प्रतिबंधित था। यहां तक कि वे दर्शक के रूप में भी स्टेडियम में नहीं आ सकती थी और ऐसा करने पर पकड़े जाने पर मृत्युदंड का प्रावधान था

 

# विशेष अनुमति से केवल विवाह योग्य युवतियां स्टेडियम में आ सकती थी जिससे कि वे अपने लिए जीवन साथी का चुनाव कर सकें, क्योंकि ओलंपिक खेल समारोह में पूरे यूनान से पुरुष खेलने तथा दर्शक के रूप में खेल देखने के लिए आते थे।

 

# खेलों से पूर्व भगवान जीउस के मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान व पशु बलि के साथ खेल आयोजन प्रारंभ होते थे.
# खेल प्रारंभ होने से पूर्व खिलाड़ी एवं निर्णायक भगवान जीउस की प्रतिमा के समक्ष निष्पक्ष रहकर सच्ची खेल भावना के साथ खेलने व खिलाने की शपथ लेते थे

प्राचीन ओलंपिक खेलों की प्रमुख प्रतियोगिताएं

 

प्राचीन ओलंपिक खेलों में दौड़, लंबी कूद, भाला फेंक, पेंटाथलन (5 इवेंट की प्रतियोगिता), मुक्केबाजी, कुश्ती, घोड़े और और रथों की दौड़, सशस्त्र दौड़ सहित 20 से अधिक प्रतियोगिताएं आयोजित होती थी.

 

प्राचीन ओलंपिक खेलों में विजेताओं को दिया जाने वाला पुरुस्कार

 

प्राचीन ओलंपिक खेलों में पुरस्कार स्वरूप विजेता खिलाड़ियों के सिर पर जैतून की पत्तियों का बना हुआ मुकुट रखा जाता था, और उपहार स्वरूप उन्हें जैतून वृक्ष की एक शाखा दी जाती थी। ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को संपूर्ण यूनान में बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था

 

Michael Phelps in Athens Olympic 2004

प्राचीन ओलंपिक खेलों का पतन

दूसरी शताब्दी के बाद रोमन साम्राज्य का प्रभाव बढ़ने लगा। रोमन बहुत ही क्रूर, आमोद प्रमोद में डूबे रहने वाले और लड़ाकू किस्म के लोग थे। उन्होंने अपने प्रभाव और राज्य विस्तार के लिए यूनान पर हमला कर दिया और और लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने यूनान पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। और उन्होंने यूनान की मूल सांस्कृतिक धरोहरों को नष्ट करना प्रारंभ कर दिया।
ओलंपिक खेल यूनान की सांस्कृतिक धरोहर और सच्ची खेल भावना, उच्च आदर्श और मानकों के साथ होने वाले आयोजन थे। परंतु रोमन शासक बहुत ही क्रूर और रक्त रंजित खेलों के प्रेमी थेे।
रोमन ने अपने ईसाई धर्म के प्रचार हेतु यूनान की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नष्ट करना प्रारंभ कर दिया और उसी के अंतर्गत ओलंपिक खेलों को मूर्ति उपासकों का धार्मिक आयोजन बताकर 394 BC में रोमन सम्राट थियोडोसियस ने प्रतिबंधित कर दिया।
और उसके बाद करीब 1500 सालों तक ओलंपिक खेल का आयोजन नहीं हुआ।

 

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5 thoughts on “History of Ancient Olympic Games”

  1. This article offers a fascinating glimpse into the ancient Olympic Games, detailing their origins, rules, and cultural significance. I found the historical context and the emphasis on peace intriguing, though the exclusion of women seemed unfair by modern standards. A great educational read!F1

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