मैं राम हूं
मर्यादाओं का शिखर है वो
सब विधाओं में प्रखर है वो
निर्मल निर्झर जल सा वो
सत्य की लहर है वो
साहस से दीप्तिमान है
वीरता का कीर्तिमान है
न्याय पथ पर अग्रणी
सदा ही वह गतिमान है !
सदा ही हूं विनम्र मैं
धैर्य का उपनाम हूं
आज्ञाओं के पालनार्थ
हर मोह पर विराम हूं !
सदा ही मैं निस्वार्थ हूं
विनम्र व कृतार्थ हूं
समर्पित जन कल्याण को
न्याय के रक्षार्थ हूं !
सत्य के निहितार्थ हूं
हर कर्म में चरितार्थ हूं
पूर्णतः यथार्थ मैं
धर्म के रक्षार्थ हूं !
संकल्पित दया परमार्थ को
संतोष का श्री धाम हूं
मर्यादाओं के पालनार्थ
सदा ही मैं निष्काम हूं !
हर नगर हर ग्राम में
दक्षिण हो या वाम में
हर पहर हर याम में
अन्याय के विरुद्ध
मैं अनवरत संग्राम हूं !
देखता सम दृष्टि से
हर दीन का मैं मित्र हूं
द्वेष छल कपट से मुक्त
मैं संयमित चरित्र हूं !
परम सरल पर वक्र भी
रुद्र धाम भी समुद्र भी
शिष्ट हेतु भद्र मैं
खल नीच हेतु चक्र भी
अनछुवा अभिमान से
सद्भाव का प्रणिधान हूं
सहजता से पूर्ण पोषित
सरलता का अधिष्ठान हूं !
रघुकुल की सदा रीत हूं
सत्संग से मैं प्रीत हूं
अटल सदा वचन पर जो
कर्तव्य वह पुनीत हूं !
सद्भाव की संभावना को
हृदय से मैं प्रणाम हूं
पोषक धर्म न्याय का
सदैव सत्यकाम हूं
प्रिय सदा महेश का
जानकी का नयनाभिराम हूं
मैं राम हूं !
श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये !
शब्द सेवक: विजय बिष्ट ‘पहाड़ी’
राम के व्यक्तित्व का बहुत ही सुंदर चित्रण।
राम हमारे आदर्श हैं और उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।
Thanks, keep reading, keep responding and keep sharing
अद्भुत रचना ! साधुवाद !
जय श्री राम ।
सराहना हेतु बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
Excellent character sketch of LORD RAMA..spellbinding piece of writing..esp. in terms of personality traits..amazing
Thanks, keep reading, keep responding and keep sharing
Excellent Character sketch of LORD RAMA .Spellbinding..piece of writing..esp. in terms of personality traits of Prabhu RAMA..
क्या आप कलयुग के राम के बारे में भी लिख सकते हो ? ये हैं त्रेता युग के राम हैं! #आपने बहुत अच्छा लिखा है# लेकिन आज ऐसा प्रतीत होता है कि राम केवल एक ही वर्ग के हैं जो अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए राम का सहारा लेते हैं, राम! केवल उनके राम हैं! वे धार्मिक होने का दिखावा कर रहे हैं!
टिप्पणी हेतु धन्यवाद मनराल जी
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम तो मानव मात्र की धरोहर हैं। यदि कोई प्रभु श्री राम पर अपना copyright मानता है तो यह उनकी अज्ञानता ही कही जाएगी। खैर राम सर्वसबल सर्वज्ञ मर्मज्ञ और सक्षम हैं शीघ्र ही स्थितियां-परिस्थितियां सद्गति को प्राप्त होंगी ।
Ram ji ka satik varnan
अद्भुत रचना
thanks a lot for your encouraging words sir ji