Tribute to The Football Legend Franz Beckenbauer फ्रेंज बेकनबाउर को हार्दिक श्रद्धांजली

Heartfelt Tribute to True Football Legend Franz Beckenbauer

बायर्न म्यूनिख और जर्मनी के दिग्गज फ्रेंज बेकनबाउर को हार्दिक  श्रद्धांजली 

Tribute to Franz Beckenbauer the Football Legend

 

  फुटबॉल जगत के सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में से एक और जर्मनी के अघोषित वैश्विक खेल राजदूत फ्रेंज बेकनबाउर (Franz Beckenbauer) का लंबी बीमारी के बाद 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया

Franz Beckenbauer को विश्व के सर्वकालिक महानतम फुटबॉल विभूति कहे जाने का कारण यह है कि वे एक खिलाड़ी और मैनेजर दोनों के रूप में विश्व कप जीतने वाले केवल तीन व्यक्तियों में से एक हैं। उनके निधन का समाचार विश्व भर के फुटबाल प्रेमियों को स्तब्ध करने वाला है.

फ्रेंज बेकनबाउर ने 1974 में पश्चिम जर्मनी के कप्तान के रूप में और 1990 में अपने देश के प्रबंधक के रूप में FIFA World Cup (फीफा विश्व कप) ट्रॉफी जीती। उनके अलावा ब्राजील के Mario Zagalo (मारियो ज़गालो) और फ्रांस के Didier Deschamp (डिडियर डेसचैम्प्स) ने भी यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।

 

Beginning of a Libero 

बेकनबाउर ने एक मिडफील्डर के रूप में अपना करियर शुरू किया था लेकिन बाद में उन्होंने सेंट्रल डिफेंडर के रूप में प्रसिद्धि पाई. वे शायद पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो सेंट्रल डिफेंडर की पोजीशन पर खेलते खेलते अचानक ही अटैकिंग पोजीशन में खेलने लग जाते थे जो कि बहुत ही अप्रत्याशित होता था जिससे विपक्षी टीम की पूर्व निर्धारित रणनीति ध्वस्त हो जाती थी

बेकनबाउर की खेलने की शैली उनके समय के स्तर से बिल्कुल अनोखी ही थी. वे मुख्य रक्षा पंक्ति के खिलाड़ियों की पीछे फ्री घूमने वाले डिफेंडर लगते थे. उनकी पोजीशन को  Sweeper Back कहा जाता था. मुख्य रक्षा पंक्ति के पीछे उन्हें खड़ा देखकर लगता था कि वह वहां पर बिना किसी काम के घूम रहे हैं लेकिन खेल के दौरान अचानक मिड फील्ड और आक्रामक खिलाड़ियों के साथ शामिल होकर प्रतिद्वंदी टीम पर धावा बोल देते थे. 

एक डिफेंडर का अचानक से आक्रामक पंक्ति में खेलने लग जाना सचमुच अनोखा था जो कि प्रतिद्वंद्वी टीम की सभी रणनीतियों को ध्वस्त कर देता था. ना तो उस समय से पहले और ना उस समय की बाद ऐसी महारत का कोई दूसरा खिलाड़ी फुटबॉल के मैदान पर नहीं देखा गया. उनके इस तरीके से खेलने के लिए उनकी पोजीशन को  Libero (लिबरो) कहा गया. आधुनिक फुटबॉल में तो इस शैली का खेल अब मुश्किल से ही देखने को मिलता है.

फ्रेंज बेकनबाउर का जन्म जर्मनी के म्यूनिख शहर में 1945 में दूसरे विश्व युद्ध खत्म होने के बाद हुआ था. उनके नेतृत्व में बार्यन म्यूनिख जर्मनी का सबसे मजबूत फुटबॉल क्लब बन गया और बाद में उन्होंने जर्मनी को भी विश्व फुटबॉल का पावर हाउस बना दिया

फ्रेंज बेकनबाउर एक ठंडे दिमाग के बहुत ही शानदार खिलाड़ी थे, उन्होंने 1974 से 1976 तक बार्यन म्यूनिख (Bayern Munich) को लगातार तीन यूरोपीय कप जितवाने में अहम भूमिका निभाई जिसने उन्हें दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर के रूप स्थापित कर दिया. इससे वे Der Kaiser (डेर केजर) के निक नेम से प्रसिद्ध हो गए. उन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में चार बार और एक बार मैनेजर के रूप में बुंडेसलीगा भी जीता और उन्होंने 1996 में बार्यन म्यूनिख को UEFA कप भी दिलाया।

World Cup  Debut

बेकन बाउर ने 1966 में एक खिलाड़ी के रूप में अपना पहला विश्व कप खेला. उस शानदार ऐतिहासिक मैच में पश्चिम जर्मनी मेजबान इंग्लैंड से फाइनल हार गया. उस मैच में बेकन बाउर को इंग्लैंड के धुरंधर खिलाड़ी बॉबी चार्लट्न को  मैन – टू- मैन मार्किंग  करने के की जिम्मेदारी दी गई थी

The Daring Kaiser

17 जून 1970 को मेक्सिको के अजटेक स्टेडियम  में पश्चिमी जर्मनी और इटली के बीच खेले गए विश्व कप के रोमांचक सेमीफाइनल मैच की वो तस्वीर कौन भूल सकता है जिसमें चोट लगने के कारण  बेकन बाउर का दाहिना कंधा उतर गया था और उनका हाथ गले से लटकी हुई स्लिंग में था, उन्हें असहनीय दर्द हो रहा था जिससे वे आगे खेलने की स्थिति में नहीं थे. 

बेकन बाउर को चोट लगने से पहले ही पश्चिम जर्मनी के कोच हेल्मुट स्कोएन (Helmut Schoen) अपने दो अनुमत परिवर्तन कर चुके थे. अब टीम के पास दो ही विकल्प थी या तो जर्मनी की टीम एक कम खिलाड़ी के साथ खेले या फिर बुरी तरह घायल बेकन बाउर मैच में खेले। मैच अतिरिक्त समय में चला गया था. ऐसी विषम परिस्थिति में कैसर अदम्य इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए अपने उतरे हुए कंधे के साथ मैदान में खेलने के लिए उतर गए। 

 

खेलने की स्थिति में ना होते हुए भी वे जिस तरह मैदान पर अपनी टीम के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह किसी खिलाड़ी के अपने खेल के प्रति जुनून और अपनी टीम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। और जिस तरह का रोमांचित कर देने वाला खेल उस अतिरिक्त समय में हुआ ऐसा खेल शायद विश्व कप के इतिहास में आज तक नहीं हुआ है जिसमें अतिरिक्त समय में जर्मनी ने 2 गोल किए लेकिन इटली ने 3 गोल करके मैच को 4-3 से जीत लिया। 

उस मैच में खेल की तीव्रता, खिलाड़ियों का प्रदर्शन और दर्शकों का रोमांच  इतने उच्च स्तर का था कि उस मैच  को Game of the Century (शताब्दी का सर्वश्रेष्ठ खेल)  कहा गया।

अंततः, 1974 में घरेलू मैदान पर बेकन बाउर ने पश्चिम जर्मनी की कप्तानी करते हुए खिताब जीता। एक खिलाड़ी के रूप में उन्होंने दो बार Ballon d’or  जीता।

 

The Ultimate Glory

जर्मनी के यूरो 1984 के पहले दौर में ही बाहर हो जाने के बाद बेकनबाउर ने जर्मनी की फुटबाल टीम के मैनेजर का पद ग्रहण किया। उन्होंने जर्मनी को 1986 विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया, जहां वे डिएगो माराडोना की अर्जेंटीना (3-2) से हार गए। चार साल बाद, रोम में, जर्मनी ने फाइनल 1-0 से जीतकर अर्जेंटीना से अपना बदला लिया। बेकनबाउर ने एक खिलाड़ी और कोच के रूप में विश्व कप जीतकर ब्राजीलियाई मारियो ज़गालो का अनुकरण किया, यह उपलब्धि बाद में फ्रांस के डिडियर डेसचैम्प्स  ( Didier Deschamp) ने भी हासिल की।

 

 

 

Added Time

वे पिछले कुछ वर्षों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।वे हृदय की समस्या, आंख की खराबी (Eye infraction) और पार्किंसंस (Parkinson’s) के साथ-साथ मनोभ्रंश (Dementia) से ग्रस्त थे।

बेकन बाउर छह साल तक जर्मनी के टीम मैनेजर रहे और फिर बाद में उन्होंने बायर्न म्यूनिख का भी प्रबंधन किया और मार्सेल क्लब (Marseille) के निदेशक भी रहे। अपने शानदार खेल करियर के दौरान, उन्होंने न्यूयॉर्क कॉसमॉस (New York Cosmos) और हैम्बर्ग (Hamburg) के साथ भी कार्य किया।

 

 

The Shady Side

बेकन बाउर के शानदार गरिमा पूर्ण करियर रहा मगर 2014 में उन पर 2018 और 2022 विश्व कप की बोली लगाने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे। उन पर भ्रष्टाचार की जांच करने में सहयोग न करने के लिए 90 दिनों का प्रतिबंध भी लगाया गया था

bishtedition.com फुटबाल के सुपर लेजंड Super Legend Franz Beckenbauer को श्रद्धांजली अर्पित करता है

 

3 thoughts on “Tribute to The Football Legend Franz Beckenbauer फ्रेंज बेकनबाउर को हार्दिक श्रद्धांजली”

  1. रत्नाकर दुबे

    फ्रेंज बेकनबाउर को विनम्र आदरांजलि।

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