Rise of Sports & Physical Education in Modern India

There is a fascinating story of Rise of Sports & Physical Education in Modern India. Development of Physical Education & Sports in British India and Independent India continued at rapid pace

 

History of Physical Education & Sports in India, post Independence
History of Physical Education & Sports in India, post Independence
ब्रिटिश काल में शारीरिक शिक्षा (1757 से 1947)
अंग्रेजों ने भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया तथा पढ़ाई का माध्यम संस्कृत से बदलकर अंग्रेजी कर दिया गया तथा प्रचलित तथा पारंपरिक भारतीय शारीरिक शिक्षा जैसे योग शिक्षा, मलखंब, अखाड़ा, कबड्डी, खो-खो आदि के स्थान पर आधुनिक आउटडोर यूरोपीय खेलो को प्राथमिकता दी जाने लगी।
उस समय के आधुनिक आउटडोर खेल जैसे क्रिकेट, हाकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि अंग्रेजों द्वारा सबसे पहले सेना में लाए गए तत्पश्चात ये खेल आम भारतीय लोगों में भी प्रचलित हो गए। लोग पारंपरिक भारतीय खेल जैसे कबड्डी अखाड़ा मलखंभ आदि खेलों को छोड़कर खेलों की तरफ आकर्षित हो गए क्योंकि ये खेल लोगों को अधिक आकर्षक एवं मनोरंजक लगे क्योंकि इन खेलों में एक बार में कई लोग एक साथ भाग ले सकते थे।

 

  • (आधुनिक फुटबॉल का जन्म 1871 में इंग्लैंड में हुआ।
  • बास्केटबॉल खेल का आविष्कार दिसंबर 21, 1891 स्प्रिंगफील्ड मैसाचुसेट्स अमेरिका में जेम्स नाई स्मिथ ने किया था।
  • वॉलीबॉल खेल का आविष्कार 1995 में YMCA मैसाचुसेट्स अमेरिका में WG Morgan डब्लू जी मोरगन ने किया था)
भारतीय शारीरिक शिक्षा को महत्व नही मिलता देख कर राष्ट्रवादी लोगों ने भारतीय शारीरिक शिक्षा पुनरुद्धार हेतु कई व्यायामशालाएं, अखाड़ा, क्रीडा मंडल स्थापित किए। परंतु तत्कालीन प्रमुख विद्यालयों में भारतीय शारीरिक शिक्षा व्यवस्था के स्थान पर अंग्रेजों द्वारा लाए गए नए खेलों को प्राथमिकता दी जाने लगी।

 

1914: पारंपरिक भारतीय खेलों को प्रचलित करने के लिए हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल (HVPM) की अमरावती में स्थापना की गई जिसमें भारत में पहली बार शारीरिक शिक्षा में डिग्री, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ हुई उन्होंने पूरे भारतवर्ष में भ्रमण किया और भारतीय प्राचीन शारीरिक शिक्षा की कला जैसे मलखंब, रस्सी मलखंब आदि खेलों का प्रदर्शन किया। अखिल महाराष्ट्र शारीरिक शिक्षा मंडल ने पहली बार कबड्डी और खो-खो की नियमों को प्रकाशित किया । 

 

1920: मद्रास में एच.सी. बक (H.C. Buch) द्वारा वाई.एम.सी.ए. YMCA की स्थापना की गई जिसमें पहली बार यूरोप के आधुनिक शारीरिक शिक्षा प्रणाली को भारत में लाया गया और यहां पर शारीरिक शिक्षा एवं खेल की डिग्री कोर्स प्रारंभ हुए तथा यहां से शिक्षा प्राप्त अध्यापक भारत के स्कूलों में शारीरिक शिक्षा अध्यापक के रूप में नियुक्त किए जाने लगे 

 

1921: भारत के स्कूल शिक्षा व्यवस्था में स्काउट की स्थापना  

 

1927: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का गठन हुआ जिसमें एच.सी. बक की प्रमुख भूमिका थी। आई.ओ.ए. (IOA) के गठन से भारत में ओलंपिक के प्रति जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई 

 

1932   मुख्य रूप से ईसाई धर्म से सम्बंधित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 1862 में ही स्थापित हो चुके लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज में 1932 शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों के प्रशिक्षण हेतु BPEd पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुआ  

 

The Indian hockey team completed its first hat-trick of gold medal at the Berlin 1936 Olympics. (Pic Credit: https://olympics.com/en/news/indian-hockey-team-players-berlin-1936-olympics-gold-medal-dhyan-chand)
1928, 1932 और 1936 में भारत की हॉकी टीम ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता जिससे भारत को दुनिया भर में एक नई पहचान मिली और हॉकी खेल भारत के जनमानस में पहुंच गया।

 

स्वतंत्रता के बाद भारत में शारीरिक शिक्षा का विकास 

भारत में शारीरिक शिक्षा का विकास स्वतंत्रता (1947) के बाद

 

 

India national Football team at Olympics of 1948 (Pic Credit: https://en.m.wikipedia.org/wiki/File:India_national_team_at_Olympics_1948.jpg )
1947 में भारत के आजाद होने के बाद ओलंपिक खेल 1948 में लंदन में हुए और भारत में पूरी दुनिया को चौंकाते हुए मेजबान देश इंग्लैंड को उनकी मैदान पर ही हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया और भारत के खिलाड़ी देश के हीरो बन गए 

 

1948 भारत के विद्यार्थियों में एकता, अनुशासन व सैन्य कौशल विकसित करने लिए NCC की शुरुआत हुई। NCC को देश की रक्षा की दूसरी पंक्ति (Second Line of Defence) भी कहा जाता है।

 

NCC Cadets of Rajendra Prasad Degree Collgee Meerganj, Bareilly
1948 एशियाई खेल समिति का गठन हुआ 
सरकार द्वारा ताराचंद शारीरिक शिक्षा समिति बनाई गई जिसने भारत में शारीरिक शिक्षा में खेल को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुझाव दिए

 

1950: भारत सरकार को शारीरिक शिक्षा एवं खेलों के विकास हेतु सुझाव देने के लिए केंद्रीय शारीरिक शिक्षा एवं मनोरंजन समिति का गठन किया गया

 

1951: भारत में पहली एशियाई खेल नई दिल्ली में आयोजित किए गए 

 

1953: भारत के स्कूलों व खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग स्कीम लागू की गई। परंतु उस समय भारत में उचित योग्यता धारक शारीरिक शिक्षा अध्यापकों और कोच नहीं थे, अतः इस काम के लिए उस समय के प्रसिद्ध खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए चुना गया। जिसमें मेजर ध्यानचंद और श्री राम सिंह जैसे खिलाड़ियों ने कोचिंग देने का कार्य किया

 

1954 भारत के विभिन्न खेल संघों को सरकार से जोड़ने के लिए अखिल भारतीय खेल परिषद का गठन किया गया साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर भी खेल संघ बनाए गए 

 

1956 शारीरिक शिक्षा एवं खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सलाहकार समिति द्वारा राष्ट्रीय योजना की घोषणा की गई

 

1957 भारत में योग्य शारीरिक शिक्षा अध्यापक तैयार करने के लिए ग्वालियर में लक्ष्मी बाई शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय (LCPE) की स्थापना की गई जिसमें शारीरिक शिक्षा में स्नातक और परास्नातक की डिग्री पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता था। यह केंद्रीय सरकार द्वारा स्थापित पहला शारीरिक शिक्षण केंद्र था। वर्तमान में यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय बन चुका है और इसका नाम लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा शिक्षण संस्थान LNIPE है
LNIPE GWALIOR LOGO (pic credit: Wikipedia)
1958 भारत में खेल एवं शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा खेल एवं युवा कल्याण विभाग (Sports and Youth Welfare Department) की स्थापना की गई

 

1959 भारत में शारीरिक शिक्षा का स्तर एवं विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा की सुविधा के आकलन के लिए एडहॉक कमेटी का गठन हुआ। तथा भारत की लोगों की फिटनेस और स्वास्थ्य स्तर का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय फिजिकल एफिशिएंसी ड्राइव NPED कार्यक्रम प्रारंभ की गई

 

1961 भारत में योग्य खेल प्रशिक्षक तैयार करने के लिए पटियाला में नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान Neta ji Shubhash National Institute of Sports (NSNIS) की स्थापना की गई। और इसके साथ राजकुमारी अमृत कौर कोचिंग स्कीम को बंद कर दिया गया 

 

1961 में ही भारत के श्रेष्ठ खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए अर्जुन पुरस्कार प्रारंभ किए गए 

 

1965 राष्ट्रीय फिटनेस कोर National Fitness Corps (NFC) का गठन हुआ जिसमें स्कूलों और महाविद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य स्तर की जांच के साथ समस्त शिक्षण संस्थानों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल के पाठ्यक्रम के लिए हैंड बुक जारी की गई 

 

1971 ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण खेल प्रारंभ किए गए तथा प्रतिभावान खिलाड़ियों की खोज के लिए राष्ट्रीय प्रतिभा खोज कार्यक्रम National Talent Search Program चलाया गया तथा अच्छे खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाने लगी

 

1975 महिलाओं को खेल में बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC ने योजना प्रारंभ की

 

1982 नई दिल्ली में नवम एशियाई खेल आयोजित की गई जिसमें अनेक नए प्रकार के स्टेडियम व आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया गया 
  
1983 में भारत ने क्रिकेट का विश्व कप जीता जिसके बाद भारत में क्रिकेट खेल बेहद लोकप्रिय हो गया  

 

1984 भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India) की स्थापना की गई 
SAI was Founded in 1984
1985 भारत में प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के लिए  द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रारंभ किए गए 

 

2010 में भारत में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन किया गया 

 

2017 भारत में पहली बार अंडर-17 विश्व कप फुटबॉल का आयोजन किया गया 

 

India’s National Sports Awards

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