Every student of Physical Education must be aware of Aims, Objectives & Scope of Physical Education

शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य, उद्देश्य एवं क्षेत्र
Aims, Objectives & Scope of Physical Education
शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य
शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य एवं उद्देश्य के बारे में जानने से पहले लक्ष्य एवं उद्देश्य के बीच में अंतर जानना आवश्यक है।
लक्ष्य – Aim
किसी कार्य को करने का अंतिम अथवा चरम उद्देश्य ही लक्ष्य (Ultimate Goal) कहलाता है। कोई भी कार्य बिना लक्ष्य के नहीं किया जाता है।
उद्देश्य – Objectives
अंतिम लक्ष्य (Aim) प्राप्ति करने से पूर्व हमें अनेक छोटे-छोटे कार्य पूर्ण करने होते हैं जिन्हें किए बिना हम अपने अंतिम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते।
अंतिम उद्देश्य की प्राप्ति की प्रक्रिया में किए जाने वाले आवश्यक कार्य जिनके बिना लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सकता, उद्देश्य कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए
किसी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक में ओलंपिक खेलों में पदक जीतना उसका अंतिम लक्ष्य (Aim) होता है।
परंतु उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उसे आवश्यक रूप से सर्वप्रथम अपने प्रदेश स्तर पर फिर राष्ट्रीय स्तर पर और फिर ओलंपिक की योग्यता प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त कर चयनित होना होगा तभी उसे ओलंपिक में भाग लेने की पात्रता प्राप्त होगी। यदि वह उपरोक्त में से किसी भी स्तर असफल रहता है तो वह ओलंपिक तक नहीं पहुंच सकता।
विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना ही शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य है। सर्वांगीण/संपूर्ण विकास के निम्न भाग / प्रकार / उद्देश्य होते हैं
-
शारीरिक विकास,
-
मानसिक विकास,
-
सामाजिक विकास
-
भावनात्मक विकास
विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य की प्राप्ति तभी संभव है जब विद्यार्थी के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं भावनात्मक पक्षों के विकास के उद्देश्य पूर्ण हो जाएं।
शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य
विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निम्न उद्देश्यों की पूर्ति आवश्यक है
शारीरिक विकास का उद्देश्य
शारीरिक विकास शारीरिक शिक्षा का सर्वप्रथम उद्देश्य है। शारीरिक शिक्षा में विद्यार्थी की आयु एवं शारीरिक क्षमता के आधार पर उसके लिए विशेष प्रकार की शारीरिक क्रियाओं व खेलों का कार्यक्रम तैयार किया जाता है जिससे छात्र के समस्त तंत्र जैसे परिसंचरण तंत्र, श्वसन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, पेशीय तंत्र, कंकाल तंत्र, पाचन तंत्र आदि अच्छी प्रकार विकसित हो सकें।
इसके इसके अतिरिक्त विद्यार्थी को अच्छी स्वास्थ्य शिक्षा भी दी जाती है जिससे विद्यार्थी स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो सके व अपनी समस्त कार्य अच्छी क्षमता व दक्षता के साथ कार्य कर सकें व देश के लिए एक उपयोगी नागरिक बन सकें।
स्नायु-पेशीय समन्वय का विकास (Neuro-Muscular Coordination)

किसी भी कार्य को ठीक प्रकार से करने के लिए हमारे तंत्रिका तंत्र व पेशीय तंत्र के बीच अच्छा समन्वय होना बहुत आवश्यक होता है। विभिन्न शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों व खेलों में निरंतर भाग लेने से यह क्षमता विकसित हो जाती है। अच्छे स्नायु-पेशीय समन्वय से हम लोग अपने कार्य अधिक कुशलता के साथ कर सकते हैं।
मानसिक विकास का उद्देश्य
शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रमों एवं खेलों में भाग लेने के लिए मानसिक सतर्कता, एकाग्रता वह सधे हुई शारीरिक क्रियाओं की आवश्यकता होती है। अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य एवं अच्छा मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं।

खेलों में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए खिलाड़ी को चतुर, तार्किक, तेजी से निर्णय लेने वाला, स्थितियों का तुरंत आकलन करने वाला होना चाहिए जो कि अच्छे मानसिक विकास की कारण ही संभव होता है।
इसके अतिरिक्त खिलाड़ी को खेल नियमों की जानकारी, खेल तकनीक का ज्ञान, एनाटॉमिकल और फिजियोलॉजिकल ज्ञान, संतुलित आहार की जानकारी, स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरूकता का ज्ञान भी अति आवश्यक होता है।
साथ ही खेलों में सफलता के लिए खिलाड़ी को उचित योजना एवं रणनीति बनाने की भी आवश्यकता होती है जोकि बुद्धि चातुर्य से ही संभव होता है।
इस प्रकार शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों व खेलों में निरंतर भाग लेने से विद्यार्थी के मानसिक विकास की उद्देश्य की प्राप्ति सहज रूप से हो जाती है।
सामाजिक विकास का उद्देश्य
सामाजिक विकास से तात्पर्य है कि विद्यार्थी के अंदर आवश्यक सामाजिक गुणों का विकास हो जिससे कि वह अपने समाज में बेहतर समायोजन के साथ रहे व समाज के लिए एक उपयोगी अंग बन सके।

शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम व खेलों में निरंतर भाग लेने से छात्र के अंदर निम्न सामाजिक गुणों का विकास स्वाभाविक रूप से होता है।
-
खेल भावना और टीम भावना
-
सहयोग
-
व्यक्तिगत स्वार्थों का त्याग
-
नियमों का पालन करना व नियामक संस्थाओं का सम्मान करना,
-
नेतृत्व क्षमता,
-
नेतृत्व के निर्देशों एवं आदेशों का पालन करना,
-
अपने कर्तव्यों को समझना,
-
मानवीय मूल्यों का महत्व समझना,
-
योग्यता का सम्मान करना
-
सामाजिक व धार्मिक सद्भाव व समरसता को बनाए रखना
भावनात्मक विकास का उद्देश्य
प्रत्येक व्यक्ति के अंदर अनेक प्रकार की सहज भावनाएं होती हैं जैसे प्रेम, समर्पण, हर्ष, दया, उत्साह, निराशा, भय, एकाकीपन, क्रोध, घृणा, कुंठा, बदले की भावना, लोभ, ईर्ष्या आदि।

कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति की विभिन्न भावनाएं जागृत हो सकती हैं। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भावनाओं पर नियंत्रण आवश्यक होता है और यदि भावनाओं का प्रदर्शन आवश्यक हो तो वह नियंत्रित वह स्वीकार्य रूप में होनी चाहिए।
शारीरिक शिक्षा एवं खेल गतिविधियों में छात्र को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने अथवा नियंत्रित करने के अवसर स्वाभाविक रूप से प्राप्त होते हैं जिसके फलस्वरुप छात्र भावनात्मक रूप से अधिक संतुलित वह सक्षम बनता है
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र (Scope of Physical Education)
शारीरिक शिक्षा का अपना एक व्यापक क्षेत्र है। यह केवल कुछ शारीरिक क्रिया अथवा खेलों तक ही सीमित नहीं है। शारीरिक शिक्षा का क्षेत्र इतना व्यापक है कि इसमें कई विषयों का समावेश है। शारीरिक शिक्षा एवं खेल क्षेत्र की व्यापकता निम्न विषयों के माध्यम से समझी जा सकती है
1.योग शिक्षा (Yoga)

योग विश्व कल्याण के लिए भारत का विश्व को एक अनुपम उपहार है। योग एक संपूर्ण जीवन पद्धति है जिसे अब वैश्विक मान्यता मिल चुकी है। योग का अभ्यास व योग का अध्ययन व अध्यापन संपूर्ण विश्व में जारी है। योग शिक्षा शारीरिक शिक्षा एक दूसरे की पूरक हैं।
2.खेल समाज विज्ञान (Sports Sociology)
इसमें इस बात का अध्ययन किया जाता है कि खेल किस प्रकार सामाजिक संबंधों को प्रभावित करते हैं और खेल किस प्रकार छात्र की समाजीकरण में सहायक होता है।
3. खेल मनोविज्ञान (Sports Psychology)
इसमें यह अध्ययन किया जाता है कि खेल किस प्रकार व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करते हैं और खेलों में सफलता प्राप्त करने के लिए मनोविज्ञान किस प्रकार सहायक होता है।
4.खेल चिकित्सा (Sports Medicine)
इसमें यह अध्ययन किया जाता है कि किस प्रकार चिकित्सा शास्त्र खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार लाने में सहायक हो सकता है साथ ही घायल खिलाड़ियों के उपचार एवं उसकी प्रदर्शन क्षमता को वापस लाने व उसमें वृद्धि करने का प्रयास किया जाता है।
5-कायिक चिकित्सा (फिजियो थेरेपी -Physiotherapy)
इसमें बिना दवाइयों का प्रयोग के केवल शारीरिक क्रियाओं व व्यायाम द्वारा रोगी की अस्थियों व पेशियों से संबंधित चोट वह बीमारियों का उपचार किया जाता है तथा कमजोर पड़ गए अंगों को पुनः सबल व क्रियाशील बनाने का प्रयास किया जाता है।
6-खेल आहार विज्ञान (Sports Nutrition)
इसमे व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं उसके खेल प्रदर्शन पर आहार के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों की खेल व उनकी क्षमता के अनुसार उनकी आहार का निर्धारण भी किया जाता है
7-खेल दर्शन (Sports Philosophy)
इसमें खेल व शारीरिक शिक्षा से संबंधित प्रचलित इतिहास, परंपराओं, मान्यताओं का अध्ययन एवं विभिन्न विद्वानों द्वारा उन पर अपने व्यक्त विचार, मत, टीका, टिप्पणिओं, समालोचनाओं की विवेचना की जाती है।
8-खेल प्रबंधन (Sports Management)
इसके अंतर्गत खेल व शारीरिक शिक्षा के प्रबंधन से जुड़े हुए कार्य जैसे खेल प्रतियोगिता का आयोजन, संस्थाओं में खेल कार्यक्रमों का प्रबंधन, खेल बजट, खेल कैलेंडर का निर्माण, खेल सुविधाओं का निर्माण आदि का क्रियान्वयन किया जाता है।
9-खेल इंजीनियरिंग (Sports Engineering)
यह विभिन्न प्रकार के खेल उपकरणों का निर्माण, खेल सुविधाओं जैसे ट्रैक, खेल मैदान, स्टेडियम, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम आदि का निर्माण आदि से संबंधित क्षेत्र है
10-खेल पत्रकारिता (Sports Journalism)
यह खेलों की मीडिया कवरेज से संबंधित क्षेत्र है। इसमें अखबारों व मैगजीन में खेलों की रिपोर्टिंग, खबरों व आर्टिकल का लेखन, खेल प्रतियोगिताओं का सजीव प्रसारण, कमेंट्री, खिलाड़ियों का इंटरव्यू जैसे कार्य आते हैं
11-खेल यांत्रिकी (खेल बायोमैकेनिक्स Sports Biomechanics)
इसमें खेलों के दौरान शरीर के विभिन्न अंगों द्वारा की जाने वाली गतियों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है जिसका उद्देश्य खिलाड़ियों की तकनीक में अपेक्षित सुधार लाकर उनके प्रदर्शन को बेहतर करना होता है।
12- खेल फैशन डिजाइनिंग (Sports Fashion Designing)
खिलाड़ियों के उपकरण व उनकी पोशाक उनके खेल प्रदर्शन को बेहतर करने में किस प्रकार सहायक हो सकती है, इस बात का अध्ययन खेल फैशन डिजाइनिंग में किया जाता है।
13- दिव्यांग लोगों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल (Para Sports)
दिव्यांग लोग अथवा कुछ विशेष प्रकार से सक्षम खिलाड़ियों (Differently Abled Athletes) हेतु प्रतियोगिताओं का आयोजन व उनके लिए विशेष उपकरण व सुविधाओं के निर्माण का अध्ययन किया जाता है।
दिव्यांग लोगों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाने वाले खेल एवं शारीरिक शिक्षा की गतिविधियों को ‘अनुकूलित शारीरिक शिक्षा’ (Adapted Physical Education) कहा जाता है

शारीरिक शिक्षा पर बहुविकल्पीय प्रश्न
- निम्नलिखित में से कौन शारीरिक शिक्षा को सर्वोत्तम रूप से परिभाषित करता है?
– ए. अध्ययन का एक क्षेत्र मानसिक कल्याण पर केंद्रित है।
– बी. एक अनुशासन जिसका उद्देश्य शारीरिक फिटनेस और दिन-प्रतिदिन की शारीरिक गतिविधियों को
आसानी से करने और आनंद लेने की क्षमता विकसित करना है।
– सी. पोषण विज्ञान का एक अध्ययन।
– डी. शैक्षणिक उत्कृष्टता पर एक पाठ्यक्रम।
उत्तर: बी
- निम्नलिखित में से कौन सा शारीरिक शिक्षा का घटक नहीं है?
– ए. व्यायाम
– बी खेल
– सी. नृत्य
– डी. साहित्य
उत्तर: डी
- निम्नलिखित में से शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य क्या है
- विद्यार्थी का संपूर्ण विकास
- केवल शारीरिक विकास
- मनोरंजन
- प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान
उत्तर: 1
- शारीरिक शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य है:
– ए. छात्रों को शरीर रचना विज्ञान के बारे में पढ़ाएं।
– बी. मोटर कौशल और शारीरिक फिटनेस विकसित करें।
– सी. अकादमिक अध्ययन को प्रोत्साहित करें.
– डी. गतिहीन जीवन शैली को बढ़ावा देना।
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा का एक उद्देश्य है:
– ए. ऐतिहासिक घटनाओं का ज्ञान बढ़ाएं.
– बी. सामाजिक कौशल और टीम वर्क विकसित करें।
– सी. केवल प्रतिस्पर्धी खेलों पर ध्यान दें।
– डी. शारीरिक गतिविधि को पेशेवर एथलीटों तक सीमित रखें।
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा का कौन सा उद्देश्य शक्ति, सहनशक्ति और लचीलेपन के विकास पर केंद्रित है?
– ए. सामाजिक उद्देश्य
– बी. भावनात्मक उद्देश्य
– सी. शारीरिक फिटनेस उद्देश्य
– डी. मनोरंजक उद्देश्य
उत्तर: सी
- स्कूलों में शारीरिक शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?
– A. यह मनोरंजन प्रदान करता है।
– बी. यह छात्रों को आजीवन शारीरिक गतिविधि की आदतें विकसित करने में मदद करता है।
– सी. यह सुनिश्चित करता है कि छात्र घर के अंदर अधिक समय बिताएं।
– D. यह शैक्षणिक विषयों का स्थान लेता है।
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा निम्नलिखित में से किसके प्रबंधन में मदद करती है?
– ए. केवल शैक्षणिक कौशल
– बी. तनाव और चिंता
– सी. वित्तीय योजना
– डी. आहार संबंधी प्राथमिकताएँ
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता निम्न कारणों से बढ़ी है:**
– ए. गतिहीन जीवन शैली के लिए अग्रणी तकनीकी प्रगति।
– बी. आउटडोर खेल में वृद्धि.
– सी. अधिक शारीरिक रूप से मांग वाली नौकरियाँ।
– डी. शैक्षणिक आवश्यकताओं में कमी.
उत्तर: ए
- निम्नलिखित में से कौन सा शारीरिक शिक्षा का लाभ नहीं है?
– ए. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार
– बी. उन्नत सामाजिक कौशल
– सी. बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन
– डी. शारीरिक फिटनेस में कमी
उत्तर: डी
- शारीरिक शिक्षा निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में योगदान देती है?
– ए. सैन्य प्रशिक्षण
– बी. अंतरिक्ष अन्वेषण
– सी. कलात्मक कौशल
– डी. शारीरिक फिटनेस और स्वास्थ्य
उत्तर: डी
- आधुनिक समाज में, शारीरिक शिक्षा निम्न समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती है:
– ए. अधिक जनसंख्या
– बी. जलवायु परिवर्तन
– सी. मोटापा और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ
– डी. इंटरनेट की लत
उत्तर:** सी
- कौन सा पेशा सीधे तौर पर शारीरिक शिक्षा के अध्ययन से संबंधित हो सकता है?
– ए. वास्तुकार
– बी. भौतिक चिकित्सक (फिजियो थैरेपी)
– सी. लेखाकार
– डी. शेफ
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा के दायरे में शामिल हैं:
– ए. सॉफ्टवेयर विकसित करना
– बी. कृषि पद्धतियों में सुधार
– सी. सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाना
– डी. समुद्री जीव विज्ञान का अध्ययन
उत्तर: सी
- कौन सा संगठन अक्सर शारीरिक शिक्षा एवं खेल के महत्व को बढ़ावा देता है?
– ए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
– बी. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
– सी. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
– डी. विश्व व्यापार संगठन (WTO)
उत्तर: ए
- स्कूलों में शारीरिक शिक्षा बच्चों के विकास में मदद कर सकती है:
– ए. गणितीय कौशल
– बी. कलात्मक प्रतिभा
– सी. शारीरिक समन्वय और मोटर कौशल
– डी. साहित्यिक विश्लेषण कौशल
उत्तर: सी
- शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है:
– ए. सैद्धांतिक ज्ञान
– बी. व्यावहारिक शारीरिक गतिविधियाँ
– सी. ऐतिहासिक अध्ययन
– डी. वित्तीय शिक्षा
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा निम्नलिखित के महत्व पर भी जोर देती है:
– ए. व्यक्तिवाद
– बी. टीम वर्क और सहयोग
– सी. एकान्त गतिविधियाँ
– डी. अलगाव
उत्तर: बी
- शारीरिक शिक्षा कक्षाओं में अक्सर निम्नलिखित में से क्या शामिल होता है?
– ए. इतिहास पर व्याख्यान
– बी. समूह खेल और व्यायाम
– सी. व्यक्तिगत अध्ययन का समय
– डी. कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
**उत्तर:**बी
- **एक सर्वांगीण शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम को संबोधित करना चाहिए:**
– ए. केवल प्रतिस्पर्धी खेल
– बी. विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ और स्वास्थ्य शिक्षा
– सी. शैक्षणिक विषय विशेष रूप से
– डी. केवल व्यक्तिगत फिटनेस दिनचर्या
**उत्तर:**बी
- निम्नलिखित में से कौन सा योद्धा अपनी धनुर्विद्या के लिए प्रसिद्ध था
- भीम
- अर्जुन
- युधिष्ठिर
- दुर्योधन
**उत्तर: 2
- योग (Yoga) का जन्म किस देश में हुआ
- अमेरिका
- इंग्लैंड
- जापान
- भारत
**उत्तर: 4
- योग का जनक किसे कहा जाता है
- महर्षि वेदव्यास
- तुलसीदास
- चाणक्य
- महर्षि पतंजलि
**उत्तर: 4
- भारतीय शारीरिक शिक्षा का पितामह किसे कहा जाता है
- स्वामी विवेकानंद
- रामकृष्ण परमहंस
- समर्थ गुरु रामदास
- गुरु द्रोणाचार्य
उत्तर: 3
- भारत में अखाड़ा आंदोलन (जिम्नेजियम आंदोलन) के प्रणेता कौन थे
- स्वामी विवेकानंद
- रामकृष्ण परमहंस
- समर्थ गुरु रामदास
- गुरु द्रोणाचार्य
उत्तर: 3
26. निम्नलिखित में से कौन भारत काकौन सा खेल भारत का पारंपरिक खेल नहीं है
A- कबड्डी
B- खो-खो
C- रग्बी
D- गिल्ली डंडा
उत्तर: C
- 1914 में हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल (HVPM) की स्थापना किस स्थान पर हुई थी
- अमरावती
- ग्वालियर
- लखनऊ
- दिल्ली
उत्तर: 1
28- एच.सी.बक (HC Buch) द्वारा YMCA की स्थापना 1920 में किस स्थान पर की गई
A- दिल्ली
B- लखनऊ
C- मद्रास
D- लुधियाना
उत्तर: C
- मेजर ध्यानचंद किस खेल के खिलाड़ी थे
- कबड्डी
- फुटबॉल
- हॉकी
- तैराकी
उत्तर: 3
- निम्नलिखित में से किसे हॉकी का जादूगर कहा जाता है
- सुनील छेत्री
- मेजर ध्यानचंद
- दिलीप तिर्की
- दारा सिंह
उत्तर: 2
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है
- 25 दिसंबर
- 2 अक्टूबर
- 21 जून
- 26 जनवरी
उत्तर: 3
- शारीरिक व्यायाम एवं मालिश के द्वाराअस्थियों एवं पेशियां का उपचार करने का तरीका क्या कहलाता है
- फिजियो थैरेपी
- योग शिक्षा
- क्रायो थेरेपी
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: 1
- चिकित्सा शास्त्र के ज्ञान से घायल खिलाड़ियों के उपचार को क्या कहा जाता है
- खेल चिकित्सा (स्पोर्ट्स मेडिसिन)
- फिजियो थैरेपी
- खेल मनोविज्ञान
- आहार विज्ञान
उत्तर: 1
- दिव्यांग लोगों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल कार्यक्रमों को क्या कहा जाता है
- अनुकूलित शारीरिक शिक्षा
- एरोबिक
- योग शिक्षा
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: 1
35. शारीरिक शिक्षा एवं खेल गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लेने पर क्या लाभ होते हैं
1- स्वास्थ्य बेहतर होता है
2- मानसिक विकास होता है
3- सामाजिक कौशल का विकास होता है
4-उपरोक्त सभी
उत्तर: 4
विषय से संबंधित अन्य सामग्री पढ़ने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें 👇
- Physical Education: Meaning, Definition, Aim and Importance
- Personality: Meaning, Definition, Dimensions and Factors Affecting Personality
- Personality Traits, Types and Classification of Personality
- Budget Process: Proposal, Approval, Execution and Audit
- Organisation: Its Meaning, Definition, Principles, Need and Importance
35 answer. D 4
35 answer. 4 d
31. Answer. 3. 21 june