अयोध्या के सूर्य स्तंभ Ayodhya Ke Surya Stambh
प्रभु राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अयोध्या नगर में स्थापित हो रहे सूर्य स्तंभ सभी (Ayodhya Ke Surya Stambh) के ध्यान आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए लगभग एक सप्ताह का ही समय बचा है, 22 जनवरी को बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में राम लला के दर्शन होने के साथ-साथ अयोध्या शहर का भी एक काया पलट स्वरूप सबके सामने होगा।
अयोध्या में तो वैसे भी वर्ष पर्यंत श्रद्धालुओं का अब आगमन बना रहता हैलेकिन 22 जनवरी को भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलतेदेश-विदेश सेबड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ भारी संख्या में पर्यटक भी अयोध्या के हुए कायाकल्प को देखने आ रहे हैं. नव नवनिर्मित धर्म पथ, भक्ति पथ जन्मभूमि पथ और सबसे लंबा – 13 किलोमीटर लंबा राम पथ – वास्तव में भव्य हैं.
यह सभी नवनिर्माण असाधारण रूप से भव्य तो हैं ही लेकिन इन सभी के बीच धर्म मार्ग पर स्थापित अनेक सूर्य स्तंभ विशेष रूप से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और जनमानस में चर्चा का विषय बने हुए हैं
क्या हैं सूर्य स्तंभ
धर्म ग्रंथो के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम क्षत्रिय कुल के सूर्यवंश में जन्मे थे, भगवान सूर्य उनके आराध्य देव हैं. उन्हीं की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने के लिए धर्म मार्ग पर सूर्य स्तंभों का निर्माण किया गया है जो कि श्रीराम के आदर्शों का स्मरण कराती अयोध्या में 40 स्थानों पर इन सूर्य स्तंभों का निर्माण किया जा रहा है जिससेमुख्य मार्ग का आकर्षण और अधिक बढ़ जाता है. सूर्य स्तंभों के निर्माण के साथ-साथलोक निर्माण विभाग द्वारा 9 मीटर लंबी और कर मीटर चौड़ी ऊंची 80 से अधिक दीवारों निर्माण भी किया जा रहा है जिस पर श्री राम कथा का चित्रण होगा
अयोध्या के संभागीय आयुक्त श्री दयाल ने सूर्य स्तंभ के बारे में कहा, “धर्म मार्ग पर चलते समय अनेक सूर्य स्तंभ सामने आएंगे जो की प्रभु राम के रामराज्य के विरासत है. चूँकि लोकप्रिय मान्यता के अनुसार भगवान राम ‘सूर्यवंशी’ थे, इसलिए अयोध्या में धर्म पथ पर कई ‘सूर्य स्तंभ’ या ‘सौर स्तंभ’ स्थापित किए गए हैं। अक्सर लोग इन सूर्य स्तंभों के साथ तस्वीरें खिंचाते हुए देखे जा रहे हैं। इन सूर्य स्तंभों को स्थापित करने में देश भर के प्रमुख विशेषज्ञों और कलाकारों से भी परामर्श लिया गया है। हमने जो जो प्रस्ताव मुख्यमंत्री महोदय की समक्ष रखे थे उन्होंने उन पर विश्वास व्यक्त करते हुए हमें उन्हें पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी तरह की आवश्यक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई।”
“हमें CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के अंतर्गत अयोध्या में हो रहे निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिए कॉरपोरेट से भी धन प्राप्त हुआ । शहर में आगंतुकों का स्वागत करने वाले प्रवेश द्वार बड़े व्यापारिक घरानों के सौजन्य से बनाए गए हैं।”
किस मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है
अयोध्या में लखनऊ गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 27) पर स्थित साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक तक के लगभग 2 किलोमीटर लंबे मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है. यह राम जन्मभूमि को हाईवे से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है जिसे सजाने संवरने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है .
विभिन्न समाचार स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल ने अयोध्या के चल रहे अभूतपूर्व नव निर्माण का विवरण साझा करते हुए कहा, “अयोध्या का समग्र सौंदर्यीकरण और विकास हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी और सभी कार्यों में बहुत सारी योजना और कड़ी मेहनत की गई थी।” इतने कम समय में पूरा किया गया। यह मुख्य रूप से अथक और समर्पित कार्य के कारण है जिसने केवल डेढ़ साल में अयोध्या को एक सुंदर शहर में बदल दिया।”
संभागीय आयुक्त ने यह भी कहा कि, “अयोध्या 22 जनवरी को राम लला का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अयोध्या को एक भव्य स्वरूप देने के लिए पर्दे के पीछे के अधिकारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत और प्रयास सराहनीय है। यह कार्य आंतरिक रूप से हमारी आस्था और भावनाओं से भी जुड़ा था। हम सभी लंबित कार्यों को 22 जनवरी से पहले ही पूर्ण करने के लिए कृत संकल्प है,”