South Africa में India का टेस्ट श्रृंखला जीतने का सपना सपना ही रह गया
India vs South Africa टेस्ट मैच की शृंखला बराबरी पर समाप्त हो गई
भारत अभी तक दक्षिण अफ्रीका को उसकी धरती पर टेस्ट सीरीज में नहीं हरा सका है और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने की भारत की चाहत अभी भी एक अधूरा सपना बनी हुई है। Cape Town के Newlands के मैदान में भारत की शानदार जीत के साथ दो टेस्ट मैच की शृंखला 1 – 1 के बराबरी पर समाप्त हो गई ।
1992-93 में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के नेतृत्व में आत्मविश्वास से भरपूर भारतीय टीम ने South Africa का दौरा किया था, तब से ले कर अब तक दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का भारत का लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
Newlands में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत का आश्चर्यचकित कर देने वाला प्रदर्शन चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है जो अब तक का सबसे छोटा टेस्ट था। 3 जनवरी को शुरू हुआ 5 दिन चलने वाला टेस्ट मैच केवल 642 गेंदों के खेल के बाद मात्र दो दिनों के भीतर ही समाप्त हो गया। इस मैच में तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमरा और मोहम्मद सिराज दक्षिण अफ़्रीकी बैटिंग लाइन अप कीधज्जियां उड़ा दी थी और भारत को 7 विकट की शानदार से जीत दिलाई थी । इससे पहले भारत Centurion में खेले गए पिछले मैच में 32 रनों से हार गया था। वह मैच भी तीन दिनों में ही समाप्त हो गया था।
इस सीरीज में अनियमित उछाल से भरी पिचों पर जहां तेज गेंदबाजों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ अनुकूल परिस्थितियां थीं लेकिन वहीं बल्लेबाजों को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा जिसमें वे तीन दिन से अधिक क्रीज टिक ही नहीं पाए ।
हालांकि के.एल. राहुल, डीन एल्गर और एडेन मार्कराम को दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में शतक बनाने का श्रेय दिया जा सकता है, जो कि आग उगलती हुई गेंदबाजी के सामने एक शानदार प्रदर्शन है। लेकिन दोनों टीमों में शानदार बल्लेबाजों की भरमार होते हुए भी दोनों टेस्ट मैचों का तीन-तीन दिन की भीतर समाप्त हो जाना चिंता का कारण है। क्या फटाफट क्रिकेट के इस दौर में बल्लेबाजों का क्रीज पर टिक कर खड़े होने का धैर्य समाप्त हो चुका है ।
वर्तमान में जो दौर चल रहा है जिसमें आग उगलते हुए गेंदबाजी है या ताबड़तोड़ चौक्के – छक्के मारते हुए बल्लेबाजी है जो कि क्रिकेट को देखने में बहुत ही रोमांचक और मनोरंजक तो बना देता है लेकिन यह टेस्ट मैच पावर गेम की बढ़ने और कलात्मकता पूर्ण खेल के लुप्त होने की शुरुआत लगती है।
यद्यपि भारत इस टेस्ट सीरीज को बराबरी पर खत्म करने में कामयाब रहा लेकिन यह आने वाले निकट भविष्य में भारतीय क्रिकेट के लिए चिंता पैदा करता है। क्योंकि विराट कोहली, रोहित शर्मा, आर. अश्विन और रविंद्र जड़ेजा जैसे टीम के मुख्य खिलाड़ी 30 की उम्र पार कर चुके हैं और धीरे-धीरे अपने कैरियर के अवसान की तरफ अग्रसर हैं और मुख्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी चोट ग्रस्त हैं और ऋषभ पंत की अनुपस्थिति ने टीम मैनेजमेंट ने राहुल को टेस्ट में विकेट कीपिंग का दायित्व सौंप दिया परन्तु यह एक आदर्श दीर्घकालिक रणनीति नहीं हो सकती है। इन परिस्थितियों में यदि एक मजबूत बैकअप लाइन तैयार नहीं होती है तो निकट भविष्य में यह भारतीय टीम के लिए बहुत चिंता है उत्पन्न करेगा।