National Tourism Day 2024:
25 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day) के रूप में मनाया जाता है।
भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से है जिसे पर्यटन का स्वर्ग कहा जा सकता है। भारत में इतने सारे धर्म, संस्कृतियां, भौगोलिक क्षेत्र और खान-पान के प्रकार हैं कि जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक भारत की तरफ खिंचे चले आते हैं। भारत की यही विविधता इसे दुनिया का एक लोकप्रिय यात्रा स्थल बनाती है।
भारत में आने वाले पर्यटक देश की सभ्यता ऐतिहासिक स्थलों, मेलों, और स्वादिष्ट खाने का मजा लेने के साथ-साथ भारत के कई शहरों, धार्मिक स्थलों को एक्सप्लोर करते हैं। पर्यटकों के आनन्द लेने के लिए भारत में विभिन्न प्रकार के यात्रा अनुभव उपलब्ध हैं, जैसे कि इको-टूरिज्म, क्रूज, व्यापार, वाइल्ड लाइफ, खेल, ग्रामीण, शिक्षा, योग और चिकित्सा यात्रा आदि।
भारतीय संस्कृति में तो ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा रही है। भारत पर्यटकों का दिल खोल कर स्वागत करता है। भारत पर्यटकों की आवागमन को सेलिब्रेट करने के लिए और भारत के पर्यटक भारत में आने वाले पर्यटकों के सम्मान मे 25 जनवरी का दिनभारतके राष्ट्रीय पर्यटन दिवस नेशनल टूरिज्म रूप में मनाया जाता है
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का संक्षिप्त इतिहास
25 जनवरी को भारत में प्रति वर्ष राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1948 में भारत सरकार ने पहली बार राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य देशभर में प्रमुख पर्यटन स्थलों को प्रमोट करना और राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करना था। भारत में, पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए सरकारी योजनाएं पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) द्वारा तैयार की जाती हैं। यह स्थानीय, केंद्रीय, और निजी क्षेत्र के संगठनों के साथ मिलकर काम करता है।
एक रोचक तथ्य यह है कि जहां भारत का राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है वहीं विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है
National Tourism Day 2024 Theme
हर साल, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस एक विशिष्ट थीम को हाइलाइट करता है ताकि पर्यटन के किसी विशेष पहलु के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। 2024 की थीम ”Sustainable Journeys, Timeless Memories” है, जिसका हिंदी में अर्थ है “हमेशा स्मृतियों में रहने वाली यात्राएं”, जो कि जिम्मेदार और सतर्क यात्रा को प्रोत्साहित करती हैं। यह थीम मुख्यतः जिम्मेदारी और समझदारी भरे ट्रेवल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस थीम का एक और लक्ष्य ट्रेवलर्स को समझदारी के साथ यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है ताकि पर्यटक अपने सैर सपाटे का आनंद लेने के साथ-साथ स्थानीय पर्यावरण को बेहतर बनाने में भी सहयोग करें साथ ही स्थानीय लोगों के सपोर्ट के साथ स्थानीय सभ्यता व संस्कृति के प्रति भी संवेदनशील बनें।
वर्ष 2023 में पर्यटन दिवस की मुख्य थीम ‘Tourism and Green Investments,’ अर्थात ‘पर्यटन और हरित निवेश’ थी, जो पर्यटन और पर्यावरण बचाव के वित्तीय पहलुओं के बीच संबंध को बल देता था।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व एवं सार्थकता यह जागरूकता फैलाने एवं यह प्रचार प्रसार करने में है कि पर्यटन देश और विदेश में किस प्रकार आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान करता है।
यह दिन इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि यह लोगों को इस बात से परिचित कराता है कि पर्यटन का देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश पर क्या प्रभाव होता है और स्थानीय लोग इससे कैसे लाभान्वित होते हैं। इस दिन के लिए कई कार्यक्रम, सेमिनार, वर्कशॉप और पर्यटन से संबंधित प्रमोशन की योजना होती है ताकि हम देश के विविध क्षेत्रों में उनकी अनूठी अनुभवों और आकर्षणों को देश और दुनिया के साथ साझा कर सकें।
Ministry of Tourism का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म से होने वाले कारोबार को बढ़ावा देना भी है। साथ ही यह एक स्थायी और बेहतर टूरिज्म का माहौल बनाने के लिए नियम और योजनाएं बनाता है। इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय भारत में स्थित अद्भुत दर्शनीय स्थलों के बारे में विश्व में प्रचार प्रसार करता है ताकि दुनिया भर के लोग इन्हें देखने के लिए भारत में अधिक से अधिक संख्या में आएं।
भारत का पर्यटन क्षेत्र देश के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन है। पर्यटन कारोबार देश की कुल आय में करीब 9.2 प्रतिशत का योगदान करता है। साथ ही, लगभग 8.1 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका चला रहे हैं।
हाल ही में अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर, एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है, और यह दुनिया भर के रामभक्तों के लिए भारत आने का एक नया आकर्षण बनेगा। SBI की एक रिसर्च के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण से भारत में करीब 4 लाख करोड़ का पर्यटन व्यापार होगा।
समाचार पत्रों में प्रकाशित SBl की ताजा रिसर्च के दावे के अनुसार राम मंदिर और अन्य पर्यटन केंद्रों से उत्तर प्रदेश को 5000 करोड तक का राजस्व मिल सकता है और इसका सबसे बड़ा कारण अयोध्या ही होगा। और इस वर्ष उत्तर प्रदेश में पर्यटन से जुड़ा कारोबार चार लाख करोड़ को पार कर सकता है।