शारीरिक शिक्षा समाज के समग्र विकास की आधारशिला है, जो कि व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक सामाजिक और भावात्मक विकास पर केन्द्रित होने के साथ साथ अनुशासन, टीम वर्क और लोकतान्त्रिक मूल्यों को भी बढ़ावा देती है।
ऐसा होने के बावजूद दिव्यांग (Physically Challanged or Differently Abled) लोगों के संदर्भ में शारीरिक शिक्षा का one-size-fits-all (एक आकार-सभी के लिए फिट) का दृष्टिकोण काम नही करता है।
कहीं ना कहीं पारम्परिक शारीरिक शिक्षा पद्वति के अंतर्गत दिव्यांग लोग शारीरिक शिक्षा और खेल के कार्यक्रमों से सामान्य लोगों की तरह लाभान्वित नहीं हो पाते हैं।
इसलिए दिव्यांग लोगों को भी शारीरिक शिक्षा एवं खेल के व्यापक लाभ पहुंचाने के लिए अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (Adapted Physical Education – APE) के रूप में शारीरिक शिक्षा एवं खेल का एक नये क्षेत्र का विकास हुआ जो कि दिव्यांग लोगों के शारीरिक, मानसिक सामाजिक और भावनात्मक कल्याण के लिए समर्पित है।
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (Adapted Physical Education) की अवधारणा:
एडाप्टेड फिजिकल एजुकेशन अर्थात अनुकूलित शारीरिक शिक्षा एक शैक्षिक सेवा है जिसे दिव्यांग लोगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दिव्यांग लोग भी हमारे ही समाज का एक अभिन्न अंग हैं अतः है कोई भी शैक्षिक अथवा सामाजिक कार्यक्रम उन्हें नजरअंदाज करके नहीं बनाया जा सकता।
क्योंकि पारंपरिक शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम हर किसी के लिए समान रूप से उपयुक्त नहीं हो सकते हैं इसलिए दिव्यांग लोगों की शारीरिक शिक्षा एवं खेल की गतिविधियों में सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अनुकूलित शारीरिक शिक्षा अर्थात एडाप्टेड फिजिकल एजुकेशन नाम की एक शाखा विकसित की गई है जोकि दिव्यांग (Physically Challanged or Differently Abled) लोगों के कल्याण के लिए सुनियोजित रूप से रणनीतियां, गतिविधियां और वातावरण तैयार करने पर के लिए समर्पित है।
परिभाषा:
- अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (Adapted Physical Education – APE) विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (Child with Special Needs) या दिव्यांग लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया शारीरिक शिक्षा और खेल का कार्यक्रम है जो उनके शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करता है। जिससे वे भी एक स्वस्थ एवं समृद्ध जीवन जीने योग्य बन पाएं।
- अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (Adapted Physical Education – APE) एक प्रत्यक्ष सेवा है जो विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (Child with Special Needs) को प्रदान की जाती है।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (Child with Special Needs) वे कहलाते हैं जिनकी शारीरिक अथवा मानसिक क्षमता किसी स्वास्थ्य विकार के कारण सामान्य बच्चों से कम रह जाती है। ऐसे बच्चे दृष्टिबाधित (visually impaired), शारीरिक रूप से विकलांग (physically handicapped) या गंभीर रूप से बहुगुणित विकलांग (severely multiply impaired) हो सकते हैं। ऐसे बच्चों के साथ शिक्षण के वे तरीके नहीं अपनाए जा सकते जो कि सामान्य बच्चों के साथ अपनाए जाते हैं। ऐसे बच्चों की शिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (Adapted Physical Education) की आवश्यकता होती है
APE में दिव्यांग व्यक्तियों की शारीरिक क्षमताओं के अनुसार शारीरिक शिक्षा एवं खेल की गतिविधियां तथा उनकी निगरानी के तरीके डिजाइन किए जाते हैं जो कि प्रत्येक विद्यार्थी के लिए व्यक्तिगत (individualised) होती है
लक्ष्य और उद्देश्य :
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा का मुख्य लक्ष्य किसी भी व्यक्ति में दिव्यांगता होने के बावजूद उनके लिए एक समावेशी वातावरण प्रदान करना तथा उन्हें उनकी संपूर्ण क्षमताओं से परिचित करा कर उनका सशक्तिकरण करना है। APE के अन्य उद्देश्यों में दिव्यांग लोगों की शारीरिक फिटनेस में सुधार, मोटर कौशल में सुधार, शारीरिक गतिविधि के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और उनकी सामाजिक स्वीकार्यता को बढ़ावा देना शामिल है।
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (APE) का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को शारीरिक गतिविधि और खेल में भाग लेने के समान अवसर प्रदान करना है। अनुकूलित शारीरिक शिक्षा के प्रमुख लक्ष्य और उद्देश्य निम्नवत हैं: 👇
- समावेश (Inclusion): शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों में दिव्यांग व्यक्तियों को उनके सामान्य क्षमता वाले साथियों के साथ शामिल करने को बढ़ावा देना।
- शारीरिक विकास (Physical Development): उचित व्यायाम, गतिविधियों और खेल के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के शारीरिक विकास को सुविधाजनक बनाना।
- मोटर कौशल विकास (Motor Skills Development): दिव्यांग व्यक्तियों में समन्वय, संतुलन, चपलता और लचीलेपन जैसे मोटर कौशल में सुधार करना। यह APE की सबसे बड़ी चुनौती होती है
- स्वास्थ्य संवर्धन (Health Promotion): शारीरिक गतिविधि के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के बीच समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना, मोटापा, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद करना।
- समाजीकरण (Socialization): समूह शारीरिक गतिविधियों (group physical activities) और खेलों में भागीदारी के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के बीच समाजीकरण और बातचीत कौशल को बढ़ावा देना।
- आत्मसम्मान और आत्मविश्वास निर्माण (Self-esteem and Confidence Building): शारीरिक गतिविधियों में सफलता और उपलब्धि के अवसर प्रदान करके दिव्यांग व्यक्तियों में आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाना।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना Promote Self Dependency: शारीरिक गतिविधियों में सुरक्षित और प्रभावी भागीदारी के लिए आवश्यक कौशल सिखाकर दिव्यांग व्यक्तियों में स्वतंत्रता, स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
- व्यक्तिगत निर्देश (Individualized Approach): प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति की विशिष्ट आवश्यकताओं और क्षमताओं के अनुरूप व्यक्तिगत निर्देश और सहायता प्रदान करना।
- कार्यात्मक फिटनेस (Functional Fitness): दिव्यांग व्यक्तियों में कार्यात्मक फिटनेस और क्षमताओं में सुधार करना जो दैनिक जीवन के लिए आवश्यक होती हैं, जैसे ताकत, सहनशक्ति, लचीलापन आदि।
- खेलों के लिए लगाव उत्पन्न करना (To Instill Love for Sports): दिव्यांग व्यक्तियों में शारीरिक गतिविधि और खेल के प्रति प्रेम पैदा करना तथा खेलों में आजीवन भागीदारी और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- जागरूक करना (Awareness): गुणवत्तापूर्ण शारीरिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों की वकालत करना और अनुकूलित शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- सहयोग (Collaboration): अनुकूलित शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों के विकास, विस्तार और कार्यान्वयन के समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों, चिकित्सकों, परिवारों और सामुदायिक संगठनों के साथ सहयोग करना।
ये लक्ष्य और उद्देश्य सामूहिक रूप से अनुकूलित शारीरिक शिक्षा के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशन (inclusion), कल्याण (welfare) और जीवन की गुणवत्ता (quality of life) को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य में योगदान करते हैं।
APE में न केवल संशोधित शारीरिक गतिविधियां शामिल होती हैं बल्कि उनके लिए अनुकूलित उपकरण, सुविधाएं और निर्देशात्मक रणनीतियां भी शामिल हैं। APE का लक्ष्य दिव्यांग लोगों की शारीरिक फिटनेस, मोटर विकास और कौशल अधिग्रहण को बढ़ावा देते हुए उन्हें समाज में गरिमापूर्ण तरीके समावेशित करना है।
आवश्यकता एवं महत्व:
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता इस मान्यता से उत्पन्न होती है कि दिव्यांग लोग भी समाज का अभिन्न अंग होते हैं लेकिन उनकी शारीरिक अक्षमताओं के कारण उन्हें दीन हीन दृष्टि से देखा जाता है जिससे वे समाज की मुख्य धारा से अलग-थलग पड़े रहते हैं।
इसके साथ दिव्यांग लोगों को अक्सर पारंपरिक शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों तक पहुँचने और उनमें भाग लेने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। APE स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने और विकलांग लोगों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिव्यांग लोगों के लिए सामाजिक बाधाओं को तोड़ने, सहानुभूति को बढ़ावा देने और एक समग्र समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
APE केवल शारीरिक शिक्षा एवं खेल गतिविधियों को दिव्यांग लोगों के अनुसार संशोधित करना नही है, बल्कि यह शैक्षणिक संस्थानों में समावेशिता की संस्कृति विकसित करने के बारे में भी है। यह सहयोगात्मक शिक्षण वातावरण को प्रोत्साहित करता है जहां पर दिव्यांग विद्यार्थी भी सामान्य क्षमता के विद्यार्थियों के साथ सीखते हैं जिससे उनका आत्मविश्वास और उनकी सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ती है।
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा की प्रमुख आवश्यकता और महत्व निम्नवत हैं: 👇
- शारीरिक गतिविधि तक पहुंच (Access to Physical Activity): APE यह सुनिश्चित करता है कि दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं और क्षमताओं के अनुरूप शारीरिक गतिविधि के अवसरों तक पहुंच प्राप्त हो। APE के बिना, इन व्यक्तियों को शारीरिक शिक्षा कार्यक्रमों में भाग लेने से बाहर रखा जा सकता है।
- समावेश को बढ़ावा देना (Promoting Inclusion): APE दिव्यांग व्यक्तियों को शारीरिक शिक्षा कक्षाओं और खेल गतिविधियों में अपने सामान्य क्षमता वाले साथियों के साथ भाग लेने का अवसर प्रदान करके समावेश को बढ़ावा देता है।
- शारीरिक और मोटर कौशल विकास (Physical and Motor Skills Development): APE दिव्यांग व्यक्तियों में शारीरिक फिटनेस और मोटर कौशल विकास में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है, जो उनके समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आवश्यक हैं।
- जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि (Enhancing Quality of Life): APE के माध्यम से शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक संपर्क और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देकर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकती है।
- स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम (Preventing Health Issues): APE द्वारा समर्थित नियमित शारीरिक गतिविधि आमतौर पर दिव्यांगता से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा, हृदय रोग और मांसपेशियों की कमजोरी को रोकने में मदद कर सकती है।
- आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास का निर्माण (Building Self-Esteem and Confidence): APE के माध्यम से शारीरिक गतिविधियों में सफलता और उपलब्धि दिव्यांग व्यक्तियों में आत्म-सम्मान, आत्मविश्वास और आत्म-प्रभावकारिता (self-efficacy) को बढ़ावा दे सकती है, जिससे समग्र आत्म-धारणा में सुधार हो सकता है।
- समाजीकरण (Socialization): APE दिव्यांग व्यक्तियों को अपने साथियों के साथ बातचीत करने, सामाजिक कौशल विकसित करने और साझा शारीरिक गतिविधियों और खेल के माध्यम से दोस्ती बनाने का अवसर प्रदान करता है।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना (Promotion of Self Dependency): APE दिव्यांग व्यक्तियों को शारीरिक गतिविधियों में सुरक्षित और स्वतंत्र भागीदारी के लिए आवश्यक कौशल सिखाता है, जिससे उन्हें अधिक आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए सशक्त बनाया जाता है।
- व्यक्तिगत आवश्यकताओं को संबोधित करना (Addressing Individual Needs): APE दिव्यांग व्यक्तियों की विविध आवश्यकताओं और क्षमताओं को पहचानता है और उनका समाधान करता है, सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार तरीके भी बताता है।
- दिव्यांगो के अधिकारों के प्रति जागरूकता (Awareness for Rights): APE सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने, न्यायसंगत और समावेशी शारीरिक शिक्षा के अवसरों तक पहुंचने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता करता है।
- शैक्षिक लाभ (Educational Values): APE एक सहायक और समावेशी वातावरण में सीखने और कौशल विकास के अवसर प्रदान करके दिव्यांग व्यक्तियों के समग्र शैक्षिक अनुभव को उन्नत बनाने में योगदान देता है।
- दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ (Long-Term Health Benefits): APE के माध्यम से शारीरिक गतिविधि में संलग्न होने से स्वस्थ आदतें स्थापित होती हैं और शारीरिक फिटनेस गतिविधियों में आजीवन भागीदारी को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो सकता है।
संक्षेप में, अनुकूलित शारीरिक शिक्षा (APE) दिव्यांग व्यक्तियों के शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने, समावेशन, स्वतंत्रता और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निष्कर्ष :
अनुकूलित शारीरिक शिक्षा केवल व्यायामों और खेलों का संशोधन नहीं है; यह दिव्यांग लोगों की सामाजिक समावेशिता और सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए समर्पित है। दिव्यांग व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पहचानकर और उन्हें पूरा करके, APE सकारात्मक परिवर्तन के लिए एक उत्प्रेरक बन जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि फिटनेस और कल्याण के वे सभी लाभ दिव्यांग लोगों के लिए भी सुलभ हों जिसका लाभ एवं आनंद सामान्य क्षमताओं के लोग उठाते हैं।
एक लोकतांत्रिक समाज हमेशा समावेशिता का पक्षधर होता है जिसमें अनुकूलित शारीरिक शिक्षा एक प्रकाशस्तंभ के रूप में स्थापित है, जो हमें अधिक न्यायसंगत, स्वस्थ और लोकतान्त्रिक समाज के निर्माण में सहयोग करती है।
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके विषय से संबंधित अन्य सामग्री पढ़ सकते हैं
- वृद्धि एवं विकास के चरण (वृद्धि एवं विकास की अवस्थाएँ)
- Motivation: Prime Catalyst To Excel In Any Field Of Life
- इवेंट मैनेजमेंट के चरण (कार्यक्रम प्रबंधन के चरण)
- सीखना (सीखना)
- Personality: Meaning, Definition, Dimensions and Factors Affecting Personality
- सीखने की अवस्था के प्रकार (सीखने की अवस्था)
- Organisation: Its Meaning, Definition, Principles, Need and Importance