Personality Traits, Types and Classification of Personality

Every student of psychology must know about Personality Traits, Types and Classification of Personality

Traits & Types of Personality
Traits & Types of Personality

व्यक्तित्व के गुण personality traits

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष प्रकार के गुण होते हैं जिनमें से कुछ गुण प्रमुख (Prominent) एवं कुछ गुण गौण (Secondary) होते हैं।

सामान्य तौर पर व्यक्ति व्यक्तित्व के 2 प्रकार के गुण होते हैं स्थाई एवं अस्थाई गुण

स्थाई गुण (static traits) –

स्थाई गुणों में वे समस्त गुण आते हैं जो कि व्यक्ति को आनुवंशिकता के कारण प्राप्त होते हैं तथा उन्हें बदला नहीं जा सकता। जैसे त्वचा बालों एवं आंखों का रंग इसके अतिरिक्त बहुत हद तक साहस, बुद्धिमत्ता, चिंता ग्रस्त होना जैसे गुण भी स्थाई गुणों में आते हैैं। कुछ गुणों में विशेष अभ्यास अथवा ट्रीटमेंट के द्वारा कुछ हद तक बदलाव किया जा सकता है।

अस्थाई गुण –

अस्थाई गुणों वे गुण आते हैं जो कि व्यक्ति की आयु, परिस्थितियों तथा उपलब्ध वातावरण के साथ बदलते रहते हैं जैसे व्यक्ति का भावनात्मक होना प्रेरणा का स्तर उसका व्यवहार आदि। अस्थाई गुणों में वे गुण भी आते हैं जो कि एक निश्चित आयु तक बढ़ते हैं तथा उसके बाद उनका ह्रास होना प्रारंभ हो जाता है जैसे कि मांस पेशियों की ताकत, लचकता, शारीरिक सहनशक्ति इत्यादि।

अलपोर्ट (Allport) के अनुसार व्यक्तित्व  में निम्नलिखित तीन प्रकार के गुण होते हैं

  • प्रमुख लक्षण (कार्डिनल गुण Cardinal Traits)

  • केंद्रीय गुण (Central Traits) 

  • द्वितीयक लक्षण (सेकेंडरी गुण Secondary Traits) 

1- प्रमुख लक्षण (कार्डिनल गुण Cardinal Traits) –

ये व्यक्तित्व के वे गुण होते हैं जो व्यक्ति के व्यवहार पर हावी रहते हैं तथा व्यक्ति उन्हीं गुणों से संचालित होता है एवं सभी लोग व्यक्ति को उसके उन्हें गुणों के आधार पर पहचानते हैं। ये गुण इतनी मुखर होते हैं कि ये अधिक देर तक छुप नहीं सकते हैं। ये ऐसे गुण होते हैं जो कि उस व्यक्ति का पर्याय बन जाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण व्यक्ति विख्यात या कुख्यात हो जाता है।  जैसे मदर टेरेसा के साथ दया करुणा एवं ममता को जोड़ा जाता है तथा दूसरी तरफ हिटलर के साथ क्रूरता एवं निर्दयता को जोड़ा जाता है।

2- केंद्रीय गुण Central Traits –

यह व्यक्तित्व के उन गुणों का सामुच्य है जो कि व्यक्ति के मुखर व्यक्तित्व हेतु आधार होते हैं। केंद्रीय गुण कार्डिनल गुणों की तरह मुखर तो नहीं होते परंतु इन गुणों के बिना व्यक्ति के व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से परिभाषित नही किया जा सकता है। जैसे हम किसी व्यक्ति के गुणों के बारे में बताते समय उसकी कुछ गुणों को बताना नहीं भूलते जैसे ईमानदार होना, गुस्से बाज होना, शर्मीला होना बुद्धिमान होना आदि

3- सेकेंडरी गुण Secondary Traits –

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ ऐसे गुण होते हैं  जो कि गुप्त रहते हैं और जिनका प्रदर्शन व्यक्ति केवल कुछ खास परिस्थितियों में ही करता है अथवा कुछ खास परिस्थितियों में ही वे खास गुण सामने आते हैं। अन्यथा उन गुणों पर आसानी से सभी का ध्यान नहीं जाता है। केवल उनकी बहुत नजदीकी लोग ही उनके उन गुणों के बारे में जानते हैं।

व्यक्तित्व की आयामों के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

Classification of Personality According to the Dimensions  of Personality-

अनेक विद्वानों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण अनेक प्रकार से किया है जिसमें निम्नलिखित तीन प्रकार के वर्गीकरण महत्वपूर्ण हैं

  1. शारीरिक आयाम के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण 

  2. मानसिक व बौद्धिक आयाम के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

  3. सामाजिक आयाम के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

1- शारीरिक आयाम के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण 

किसी भी प्राणी के व्यक्तित्व का सबसे प्राथमिक आयाम शारीरिक संरचना होती है। क्योंकि व्यक्तित्व के अन्य आयाम एवं गुण बहुत हद तक शारीरिक आयाम के अनुरूप ही होते हैं। शारीरिक आयाम के अंतर्गत व्यक्ति की शारीरिक बनावट, कद काठी, चेहरे की बनावट, उसकी त्वचा, बालों एवं आंखों का रंग, मांस पेशियों की संरचना आदि आते हैं और यह सभी लक्षण व्यक्ति को अनुवांशिकता के कारण प्राप्त होते हैं जिन पर व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता है। पहली दृष्टि में समाज में व्यक्ति का आकलन उसके शारीरिक लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है।

अच्छी शारीरिक बनावट एवं स्वास्थ्य वाले व्यक्ति आकर्षक माने जाते हैं क्योंकि अच्छा शरीर एवं स्वास्थ्य व्यक्ति के बारे में एक सकारात्मक संकेत देता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने शारीरिक लक्षणों को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। मनोवैज्ञानिक एवं शरीर विज्ञान के विशेषज्ञ भी स्वस्थ एवं सुगठित शरीर को विशेष प्राथमिकता देते हैं।

व्यक्तित्व की आयामों के आधार पर मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व के निम्न वर्गीकरण किये हैं।

Classification of Personality

शैल्डन का वर्गीकरण (Sheldon’s Classification)

शैल्डन ने व्यक्तियों की शारीरिक संरचना एवं उससे जुड़े हुए अन्य गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को 3 भागों में वर्गीकृत किया है

Types of Body
Types of Body

1- एंडोमार्फ (Endomorph)

इस प्रकार के व्यक्ति गोल मटोल कद काठी एवं मुलायम शरीर वाले होते हैं। उन्हें आराम करना तथा भोजन विशेष प्रिय होता है तथा अक्सर वे विनोद प्रिय व तनाव रहित रहते हैं एवं बहुत समाजिक होते हैं।

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endomorph body – मोटे और गोल मटोल शरीर वाले लोग

2- मीसोमार्फ (Mesomorph)

इस प्रकार के व्यक्तियों की शारीरिक संरचना किसी सैनिक अथवा खिलाड़ी की तरह होती है जिनका शरीर एवं मांसपेशियां मजबूत एवं सुगठित होती हैं। यह स्वभाव से आत्मविश्वासी, साहसी तथा तार्किक होते हैं शारीरिक क्रियाओं में भाग लेने में रुचि होती है।

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mesomorph body – मजबूत मांसपेशी और मजबूत कद काठी वाले लोग

3- एक्टोमार्फ (Ectomorph)

ऐसे व्यक्ति प्रायः दुबले-पतले शरीर के होते हैं। अभी अधिकतर आत्म केंद्रित, निराशावादी, शारीरिक रूप से कमजोर, रिजर्व नेचर के होते हैं। तथा अभी सामाजिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय नहीं होते हैं।

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Ectomorph body: skinny and tall

2 -क्रैशमर का वर्गीकरण Krestshmer’s Classification –

क्रैशमर ने व्यक्तियों की शारीरिक संरचना एवं ढांचे को ध्यान में रखकर व्यक्तित्व को निम्न वर्गों में बांटा है

1- पिकनिक Picnic – (मोटे और छोटे कद वाले)

ऐसी लोग प्रायः छोटी और गोल मटोल कद काठी के होते हैं इनका शरीर स्थूल होता है और ये लोग प्रायः बहिर्मुखी मिलनसार आराम तलब एवं आमोद प्रमोद में व्यस्त रहने वाले लोग होते हैं।

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2- एथलेटिक  Athletic – (खिलाड़ी)

ऐसे व्यक्ति संतुलित कद काठी के, मजबूत मसल्स, चौड़े सीने वाले व मजबूत शारीरिक संरचना वाले लोग होते हैं। यह पर्याप्त स्फूर्तिवान व उत्साही तथा सामाजिक जीवन में सक्रिय होते हैं 

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3. अस्थैनिक Asthenic (शक्तिहीन

लोग दुबले पतले और लंबी कद काठी के है होते हैं। ये प्रायः एकांत प्रिय शांतिप्रिय, आत्म केंद्रित, संवेदनशील एवं कल्पनाशील होते हैं

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2- मानसिक व बौद्धिक आयाम

मानसिक एवं बौद्धिक आयाम से तात्पर्य व्यक्ति की बुद्धि एवं विवेक से है। यह मनुष्य की बौद्धिक क्षमताएं ही है जिसने उसे प्राणी जगत का सर्वोच्च जीव बनाया है जो अन्य सभी जीवो एवं संसाधनों पर अपना नियंत्रण रखता है। मनुष्य की बौद्धिक क्षमताएं ही उसे समाज में उसका यथोचित स्थान दिलाती हैं।

यदि किसी अच्छी शारीरिक विन्यास वाले व्यक्ति में अच्छी बौद्धिक योग्यताएं ना हो तो वह व्यक्ति एक प्राण हीन मूर्ति के समान ही है।

बौद्धिक क्षमताओं में मुख्य रूप से व्यक्ति की बुद्धिमानी, स्वभाव, तर्क शक्ति, सूझ बूझ, स्मृति, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, स्थितियों का आकलन करने की क्षमता और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता आती है

जुंग का वर्गीकरण Jung’s classification –

प्रख्यात मनोवैज्ञानिक जुंग ने व्यक्तियों की सामाजिक जीवन में सक्रियता तथा उनकी रचनाओं के आधार पर व्यक्तित्व को दो भागों में विभाजित किया है 

1- अंतर्मुखी  (introvert)

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अंतर्मुखी  (introvert) लोग आत्म केंद्रित, शर्मीले, रिजर्व, संकोची एवं एकांत प्रिय होते हैं। वे सामाजिक कार्यक्रम से दूर रहते हैं तथा आसानी से मित्र नहीं बनाते अथवा बनते हैं।

2- बहुर्मुखी (extrovert)

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बहुर्मुखी (extrovert) लोग बहुत मुखर, सामाजिक, आत्मविश्वासी होते हैं तथा उनके अनेक मित्र होते हैं, वे विनोद प्रिय होते हैं और चिंताओं को अधिक गंभीरता से नहीं लेते। उनकी प्रकृति सभी स्थितियों में प्रसन्न चित्त (Happy Go Lucky) बने रहने की होती है

हिप्पोक्रेटिस  का वर्गीकरण (Hippocrates’ Classification)

हिप्पोक्रेट्स ने व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यवहार पर आधारित व्यक्तित्व का निम्न वर्गीकरण किया है

1- कफ प्रवृत्ति वाले (Phlegmatic)-

यह शारीरिक रूप से कमजोर लेकिन संवेगात्मक रूप से सशक्त होते हैं, वे सुस्त एवं ठंडे व्यवहार के होते हैं तथा वे ज्यादा तनाव नहीं लेते अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं। (Relaxed easy going)

2- काले पित्त वाले (Black Bile – Melancholic) –

ऐसे लोग को सदैव तनावग्रस्त, कुंठित तथा निराशावादी होते हैं तथा वे शारीरिक एवं संवेगात्मक रूप से कमजोर होते हैं

3- पीले पित्त वाले (Yellow Bile – Choleric)

ऐसे लोग शारीरिक रूप से मजबूत लेकिन चिड़चिड़े, जल्दी गुस्सा होने वाले एवं कल्पनाशील होते हैं

4- रक्त गुण वाले (Blood – Sanguinic)

ऐसे लोग को उत्साही प्रवृत्ति के कर्मठ, हंसमुख, संवेगात्मक रूप से स्थिर, आशावादी, सामाजिक रूप से सक्रिय एवं संतुलित व्यवहार के वाले होते हैं।

 

  1. सामाजिक आयाम के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

व्यक्तित्व का सामाजिक आयाम किसी व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार और उसकी सामाजिक प्रासंगिकता को संदर्भित करता है। व्यक्तित्व का सामाजिक आयाम इस बात को रेखांकित करता है कि किसी व्यक्ति का सामाजिक परिवेश उसके व्यक्तित्व को किस तरह प्रभावित करता है तथा उसके व्यक्तित्व का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसमें यह बात शामिल होती है कि: 

  • व्यक्ति दूसरों के संबंध में खुद को कैसे समझते हैं, 
  • वे किस तरह के सामाजिक रिश्ते बनाते हैं, 
  • वे सामाजिक भूमिकाओं और अपेक्षाओं को कैसे निभाते हैं। 

स्प्रेंगर का वर्गीकरण Spranger’s Classification

स्प्रेंगर ने अपनी पुस्तक Types of Men में व्यक्ति की सामाजिक गुणों, कार्यों एवं स्थिति के आधार पर व्यक्तित्व छह प्रकार से वर्गीकरण किया है

1- सैद्धांतिक – Theoretical 

ऐसे व्यक्ति उच्च आदर्श वाले होते हैं तथा वे अपने सिद्धांतों पर जीवन व्यतीत करते हैं। वे कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं।

2- आर्थिक – Economic 

ऐसे लोग जीवन में सभी बातों का आर्थिक दृष्टि से मूल्यांकन करते हैं। वे हर काम में लाभ-हानि देखते हैं तथा अपने लाभ को अधिक महत्व देते हैं व्यापारी लोग इसी श्रेणी में आते हैं।

3- सामाजिक  – Social 

ऐसे लोग सामाजिक रूप से सक्रिय तथा सार्वजनिक हितों के लिए जागरूक रहते हैं। वे समाज के व्यवहारिक पक्षों के लिए समर्पित होते हैं, वह सब से घुल मिलकर रहने में विश्वास करते हैं।

4- राजनीतिक – Political 

ऐसे लोग हमेशा येन केन प्रकारेण अपने प्रभुत्व एवं नियंत्रण को बनाए रखने पर विश्वास करते हैं। वे सदैव सत्ता को नियंत्रित करना चाहते हैं अथवा सत्ता केंद्र के नजदीक रहना चाहते हैं तथा निर्णायक भूमिका में रहना चाहते।

5- धार्मिक  – Religious 

ऐसे व्यक्ति ईश्वर पर विश्वास करने वाले, ईश्वर से डरने वाले तथा आध्यात्मिकता में आस्था रखने वाले होते हैं। वे सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं।

6- कलात्मक व सौंदर्य प्रधान – Aesthetic

ऐसे व्यक्ति प्रत्येक वस्तु को कला की दृष्टि से देखते हैं। उनमें सृजनात्मक गुण होते हैं। वे समस्त कार्यों एवं वस्तुओं में गुणवत्ता के साथ पूर्णता लाने का प्रयास करते हैं

 

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